दिक्कत- दिल्ली और हरिद्वार के बीच नहीं चलेंगी बस

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देहरादून। संवाददाता। शिक्षानगरी का रोडवेज बसों से दिल्ली और हरिद्वार से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। शुक्रवार को दिल्ली गई बस 16 घंटे में लौटकर आई तो चालकों ने बस ले जाने से मना कर दिया। इसके चलते 17 बसों में से एक भी बस संचालित नहीं हो सकी है। देहरादून से रुड़की के बीच संचालित होने वाली रोडवेज बसों की भी बस अड्डे पर नो एंट्री हो चुकी है। पांच बसें गणेशपुर पुल से देहरादून के लिए संचालित की जा रही है।

हरिद्वार समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजमार्ग, संपर्क मार्ग पर कांवड़ यात्रियों का रेला उमड़ गया है। राजमार्ग और संपर्क मार्ग पर पैदल कांवड़ यात्री और कांवड़ यात्रियों के वाहन संचालित हो रहे हैं। ऐसे में यात्री वाहनों का आवागमन तो पूरी तरह से ठप हो चुका है। शुक्रवार सुबह रुड़की डिपो से दिल्ली की दो बसें भेजी गई थी। यह बसें 16 घंटे में सफर कर रुड़की पहुंची है। इसपर चालकों ने शनिवार को दिल्ली जाने से मना कर दिया। एक-एक कर 22 रोडवेज बसें बस अड्डे पर ही खड़ी हो गई। वहीं निगम की ओर से पांच बसों को रुड़की से देहरादून के बीच संचालित की गई। इन बसों की बस अड्डे पर एंट्री बंद कर दी गई है। बसें रुड़की के गणेशपुर पुल से होकर देहरादून जा रही है।

अब दिल्ली जाने वाले यात्रियों को पहले देहरादून और उसके बाद पोंटा साहिब होते हुए दिल्ली जाना पड़ रहा है। इसके लिए जहां उन्हें 100 रुपये अतिरिक्त किराया देना पड़ रहा है, तो वहीं समय भी तीन गुना लग रहा है। अब तीस जुलाई की शाम को ही बसों का संचालन होने की उम्मीद है।

कांवड़ टांगकर करा रहे दिल्ली का सफर

कुछ प्राइवेट वाहन संचालकों ने उप्र, हरियाणा और दिल्ली के नंबर वाली गाड़ियों पर कांवड़ रखकर और पोस्टर आदि लगाकर यात्रियों को रुड़की से दिल्ली का सफर कराना शुरू कर दिया है। प्रति यात्री 300 से 500 रुपये किराया वसूलकर पांच से छह घंटे के बीच में दिल्ली पहुंचा रहे हैं। रोडवेज बस अड्डे से संचालित हो रही इन प्राइवेट कारों पर शनिवार को पुलिस ने शिकंजा कसते हुए दो वाहन चालकों के चालान भी काटे।

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