देहरादून। संवाददाता। परमार्थ निकेतन में विराट हिन्दुस्तान संगम राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय संस्कृति की दिशा और दशा पर चर्चा की गई। संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए आम आदमी से आगे आने का आह्वान किया गया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि ने श्वसुधैव कुटुम्बकमश् का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अब सियासत को छोड़ विरासत को संवारने का वक्त है। वहीं मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि संस्कृति की रक्षा हमें स्वयं करनी होगी।
शनिवार को दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि भारत की महान, विशाल और गौरवशाली सभ्यता व विरासत में अब भी पाने के लिए बहुत कुछ है। कहा कि हमें संस्कृति और संस्कार विरासत में मिले हैं इसके साथ ही आगे बढ़ने की जरूरत है। कहा कि हमने अपनी विरासत को सियासत में खो दिया अब समय आ गया है हम सियासत को भूलें और विरासत को संभालें। मुख्य वक्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अब तक विभिन्न बाहरी ताकतें हमारी मानसिकता को गुलाम बनाती रही हैं, मगर अब हमें अपनी संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए स्वयं ही आगे बढ़कर प्रयास करने होंगे।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में विशाका शारदा पीठ के संत स्वामी स्वरूपनंदेंद्र सरस्वती, उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद परमार्थ निकेतन में विराट हिन्दुस्तान संगम राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय संस्कृति की दिशा और दशा पर चर्चा की गई। संस्कृति और विरासत की रक्षा के लिए आम आदमी से आगे आने का आह्वान किया गया। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि ने श्वसुधैव कुटुम्बकमश् का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अब सियासत को छोड़ विरासत को संवारने का वक्त है। वहीं मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि संस्कृति की रक्षा हमें स्वयं करनी होगी। उन्हांेने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण होगा