देहरादून। संवाददाता। गंगा में खनन के खिलाफ अनशनरत मातृसदन के आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उठा लिया है। इस आशय का एक नोटिस एडीएम प्रशासन की ओर से मातसृदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को दिया गया था।
उधर, मातृसदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रशासन की कार्रवाई को ब्रिटिश काल की कार्रवाई करार दिया है। कहा है कि अंग्रेजों के जमाने में भी इस तरह की कार्रवाई नहीं की जाती थी। बता दें कि बुधवार शाम को एडीएम भगवत किशोर मिश्रा ने आत्मबोधानंद को अनशन समाप्त करने और स्वास्थ्य लाभ लेने की अपील करने के साथ ही ऐसा न करने पर अस्पताल में भर्ती कराए जाने के आदेश दिए थे।
पत्र में कहा गया था कि दो दिसंबर को देहरादून कोरोनेशन अस्पताल से आए डॉ. वीएस चैहान ने आत्मबोधानंद के स्वास्थ्य प्रशिक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासन को दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी है। साथ ही ऐसा न करने पर आत्मबोधानंद की सेहत पर खतरा बताया है।
उधर, एडीएम ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा था कि अनशन समाप्त न करने और स्वास्थ्य लाभ न लेने पर आत्मबोधानंद को पत्र प्राप्ति के पांच घंटे बाद कानूनी तरीके से अस्पताल में भर्ती कराकर स्वास्थ्य लाभ दिलाया जाएगा। पत्र पर संज्ञान नहीं लेने पर गुरुवार सुबह प्रशासन की टीम मातृसदन पहुंची। यहां बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को आश्रम ले बाहर लगाया गया।
इस दौरान आत्मबोधानंद प्रशासन के साथ चलने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस कर्मचारी उन्हें उठाकर एंबुलेंस में लाए। बताया जा रहा है आत्मबोधानंद को देहरादून के किसी अस्पताल में रखा गया है। जहां उन्हें फिडिंग दी जा सकती है।