हरिद्वार। संवाददाता। एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य पिछले दो साल माह से पेंशन के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। वहीं एक सहायक अध्यापक को नौ माह से प्रोन्नत वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा। इसी तरह कई अन्य शिक्षक भी परेशान हैं।लिब्बरहेड़ी स्थित राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य ठाकुरदास मार्च 2016 में सेवानिवृत्त हुए थे। लेकिन अभी तक उनकी पेंशन शुरू नहीं हुई है।
महोबा बुंदेलखंड के रहने वाले ठाकुरदास ने बताया कि रिटायर होने के बाद वे सिर्फ पेंशन शुरू कराने के लिए छह माह तक हरिद्वार में किराए पर रहे। लेकिन, पेंशन शुरू नहीं हो पाई। अब तो दो साल होने जा रहे हैं और विभागीय अधिकारियों की तरफ से न कोई आपत्ति लगाई गई और न कागजात में कोई कमी बताई गई, फिर भी पेंशन शुरू नहीं की जा रही। अब तो वह थककर घर बैठ गए हैं।
वहीं दूसरी तरफ राजकीय हाईस्कूल गांजा मजरा भगवानपुर ब्लॉक के सहायक अध्यापक बद्रीविशाल का 4800 से प्रोन्नत ग्रेड 5400 मार्च 2017 में स्वीकृत हुआ था। लेकिन स्वीकृत ग्रेड का लाभ आज तक नहीं दिया गया। जबकि वे विभाग के कई चक्कर लगा चुके हैं। इसी तरह एलटी और प्रवक्ता चयन के कई प्रकरण कई माह पहले पौड़ी जाने थे, लेकिन आज तक नहीं भेजे गए।
राजकीय माध्यमिक शिक्षा के शिक्षक नेता हरेंद्र सैनी का कहना है कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही से काम कर रहे हैं। लंबित प्रकरण इसके उदाहरण हैं। जबकि रिटायरमेंट होने से पहले पेंशन के कागजात तैयार करने का नियम है और रिटायरमेंट वाले दिन पेंशन के कागजात शिक्षकों को दिए जाते हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. रूपेंद्र दत्त शर्मा का कहना है कि प्रकरण मेरी जानकारी में नहीं है। यदि ऐसा है तो संबंधित पटल सहायक से पूछा जाएगा कि आखिर इतने दिन से मामले का निपटारा क्यों नहीं किया गया।