- वैक्सीन को लेकर मॉस्को और भारत सरकार के बीच कई स्तरों पर बातचीत हो रही है। इसमें वैक्सीन की आपूर्ति, सह-विकास और सह-उत्पादन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं। फिलहाल भारत सरकार की तरफ से इसका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।
नई दिल्ली : रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक वी’ के ट्रायल इस महीने कुछ देशों में शुरू होंगे। इन देशों में भारत भी शामिल है। भारत के अलावा ये ट्रायल सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), फिलीपींस और ब्राजील में भी होंगे। यह जानकारी आज (सोमवार को) रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के अध्यक्ष किरिल दिमित्रीव दी है।
स्मरण रहे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले माह घोषणा की थी कि रूस के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का दुनिया का पहला टीका ‘स्पुतनिक-वी’ विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा था कि उनकी एक बेटी को टीका लग चुका है, यह काफी प्रभावी है और शरीर में स्थाई प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाने के लिए रूस की सरकार और वहां की जनता को बधाई दी थी। सिंह ने शुक्रवार को एससीओ की बैठक में कहा था, ‘मैं रूस की सरकार और जनता को कोविड-19 महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए बधाई देता हूं।’
बता दें कि वैक्सीन को लेकर मॉस्को और भारत सरकार के बीच कई स्तरों पर बातचीत हो रही है। इसमें वैक्सीन की आपूर्ति, सह-विकास और सह-उत्पादन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं। फिलहाल भारत सरकार की तरफ से इसका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।
इस वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर तैयार किया है। रूस इसी हफ्ते से कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी को आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराने जा रहा है। प्रतिष्ठित लैंसेट जर्नल के अनुसार शुरुआती ट्रायल में इस वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है।