दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने को लेकर हंगामा जारी है। अब दक्षिण कोरिया की संसद ने सरकार के चार अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू की है। मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अन्य छोटी पार्टियों के साथ मिलकर राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया है।
चार अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू
मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि विपक्षी सांसदों ने देश के बोर्ड ऑफ ऑडिट इंस्पेक्शन के चेयरमैन चोई जे हे और तीन शीर्ष सरकारी अभियोजकों के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू की है। इन चारों को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है और महाभियोग प्रस्ताव पर फैसला आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने विपक्ष पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसके चलते राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने का फैसला किया।
रक्षा मंत्री को पद से हटाया
गौरतलब है कि राष्ट्रपति योल ने अपने रक्षा मंत्री को पद से हटा दिया है और उनकी जगह चोई ब्युंग हूक को नया राष्ट्रपति बनाया है। हूक सऊदी अरब में दक्षिण कोरिया के राजदूत थे और दक्षिण कोरियाई सेना में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हूक के पद संभालने तक उप-रक्षा मंत्री किम सिओन हो बतौर रक्षा मंत्री जिम्मेदारी संभालेंगे। देश में मार्शल लॉ लगाने के बाद से राष्ट्रपति यून सुक योल सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखाई दिए हैं।
राष्ट्रपति ने क्यों लगाया था मार्शल लॉ
राष्ट्रपति ने टीवी पर प्रसारित बयान में बताया कि देश को उत्तर कोरिया और देश विरोधी ताकतों से खतरा है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि अपनी राजनीति परेशानियों के चलते राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने का फैसला किया था। मंगलवार रात को राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में सरकार को कमजोर करने के विपक्ष के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि ‘तबाही मचाने वाली देश विरोधी ताकतों को कुचलने के लिए मार्शल लॉ की घोषणा करते हैं।’