- “अगर कोई कर्मचारी किसी विचारधारा प्रेरित स्तंभकार बनना चाहता है या सोशल मीडिया पर किसी विचारधारा के लिए कैम्पेनर की तरह काम करना चाहता है, तो यह उनकी निजी पसंद हो सकती है लेकिन ऐसे लोग अब बीबीसी में काम नहीं कर सकते हैं।”
- “बीबीसी पर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि वह वामपंथ से प्रेरित है या वामपंथ का पक्ष लेता है। इस तरह के आरोप सिर्फ इंग्लैंड में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लगाए जाते हैं।”
लंदन : ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कंपनी (बीबीसी) के नए डायरेक्टर जनरल टिम डैवी अपने कर्मचारियों से कहा है, वामपंथ का प्रचार बंद करो नहीं तो नौकरी छोड़ दो! ख़बरों के मुताबिक़ बीबीसी के नए मुखिया टिम ने वादा किया है कि बीबीसी में बड़े पैमाने पर बदलाव होंगे। बीबीसी पर दुनियां भर यह आरोप लगाया जाता है कि उसका रवैया पक्षपाती और भेद करने वाला है। लंदन में तो बीबीसी पर यह आरोप खुले आम लगाए जाते हैं कि वह सिर्फ लंदन के संभ्रांत वर्ग के लिए ख़बरें तैयार करता है।
बीबीसी नए डायरेक्टर जनरल टिम डैवी ने नये तेवर दिखाते हुए अपने विचारधारा प्रेरित कर्मचारियों से साफ़ कह दिया है कि या तो वह अपना नज़रिया बदल लें या नौकरी से इस्तीफ़ा दे सकते हैं। बीबीसी दफ्तर में बोलते हुए टिम ने कहा, “अगर कोई कर्मचारी किसी विचारधारा प्रेरित स्तंभकार बनना चाहता है या सोशल मीडिया पर किसी विचारधारा के लिए कैम्पेनर की तरह काम करना चाहता है, तो यह उनकी निजी पसंद हो सकती है लेकिन ऐसे लोग अब बीबीसी में काम नहीं कर सकते हैं।”
टिम डैवी ने अपने उन कर्मचारियों पर कार्रवाई का ऐलान किया है जो सोशल मीडिया पर राजनीतिक टिप्पणी करेंगे। ऐसा बताया जा रहा है कि यह बदलाव इसलिए किए जा रहे हैं जिससे बीबीसी की निष्पक्ष छवि बने। टिम ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के संबंध में बीबीसी के कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है। सभी कर्मचारियों को इसका पालन करना होगा।
टिम ने कहा अब बीबीसी के लिए निष्पक्ष बने रहना सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। टिम के मुताबिक़, “बीसीसी सिर्फ विचारधारा से प्रेरित रहने वाले पत्रकारों और स्तंभकारों का संस्थान नहीं है। संस्थान के भीतर लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी नहीं की जा सकती है खासकर निष्पक्ष चर्चाएँ और नस्लभेद जैसे मुद्दों का विरोध। हमारा उद्देश्य राजनीतिक झुकाव से हट कर आगे बढ़ना होगा। हम किसी के एजेंडा का प्रचार नहीं कर सकते सिर्फ सच सामने लाना होगा।”
उन्होंने कहा, “फेक न्यूज़, सोशल मीडिया कैम्पेन, विचारों का शोर और मीडिया संस्थानों के झुकाव जैसे वक्त में हमें अपना काम सही से करना होगा। हमें पूरे देश के लिए ख़बरें तैयार करनी हैं न कि एक ख़ास वर्ग या समूह के लिए। बीबीसी पर हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि वह वामपंथ से प्रेरित है या वामपंथ का पक्ष लेता है। इस तरह के आरोप सिर्फ इंग्लैंड में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लगाए जाते हैं।”