भारत की कूटनीतिक जीत: ब्रिक्स समिट में आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया

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“आतंकवाद पर आप दोहरा रवैया नहीं अख्तियार कर सकते, इससे निपटने के लिए हमें आज साथ आने की जरूरत है। ब्रिक्स लीडर्स ने देशों से आतंकी नेटवर्क को फाइनेंसिंग और अपने क्षेत्रों में आतंकी कार्रवाईयों को रोकने के लिए कहा है। पहली बार डिक्लरेशन में आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। डिक्लरेशन के 7 पैराग्राफ्स में आतंकवाद की निंदा की गई। पीएम मोदी ने ब्रिक्स लीडर्स की रेसट्रिक्टेड ( restricted) सेशन में एक कॉन्फ्रेंस होस्ट करने की पेशकश भी की है।”

शियामेन(चीन) एजेंसीज: आज चीन के शियोमेन शहर प्रारम्भ ब्रिक्स समिट में पहली बार आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क का भी नाम शामिल है। इस लिस्ट में आईएसआईएस और अलकायदा का भी जिक्र है.  इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।

चीन के पोर्ट सिटी शियामेन में सोमवार(आज) 9वीं ब्रिक्स समिट 5 देशों के लीडर्स के ग्रुप फोटोग्राफ से शुरू हुई। इस मौके पर प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने भारत के प्रधान मंत्री से हाथ मिलाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका) की तरफ से संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसमें कई आतंकी संगठनों का जिक्र कर उनसे खतरा बताया गया और सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की गई।

आईएसआईएस और अलकायदा का भी लिस्ट में नाम 

  •  ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी डिक्लरेशन में कहा गया, “हम तालिबान, लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस, हिज्ब उत-तहरीर, अलकायदा, ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और उज्बेकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट द्वारा क्षेत्र में फैलाई जा रही हिंसा के चलते बिगड़े सुरक्षा हालात पर चिंता जताते हैं।” 
  •  “हम आतंकवाद के सभी रूपों, इससे जुड़े ड्रग ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और दुनिया समेत ब्रिक्स देशों में हुए सभी आतंकी हमलों की आलोचना करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम इंटरनेशनल कोऑपरेशन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसमें देशों की संप्रभुता का खयाल रखना चाहिए, किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए।”
  •  “ब्रिक्स देश यूएन की जनरल असेंबली की तरफ से ‘कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म’ (अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते) को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने और इसे मंजूर किए जाने की भी मांग करते हैं। ब्रिक्स देश आतंकवाद से मुकाबले और इसके लिए की जा रही फाइनेंसिंग को रोकने के लिए व्यापक नजरिया अपनाएं।”
  •  सोमवार को समिट के प्लेनरी सेशन के अलावा रेसट्रिक्टेड ( restricted) सेशन भी हुआ। तीन सितंबर से शुरू हुई ब्रिक्स समिट 5 सितंबर तक चलेगी।
 आतंकवाद की निंदा 7 पैराग्राफ में
  •  शियामेन में सोमवार को इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई। इसमें ब्रिक्स डिक्लरेशन की जानकारी दी गई। फॉरेन मिनिस्ट्री में सेक्रेटरी (ईस्ट) प्रीति सरन ने कहा, “आतंकवाद पर आप दोहरा रवैया नहीं अख्तियार कर सकते, इससे निपटने के लिए हमें आज साथ आने की जरूरत है। ब्रिक्स लीडर्स ने देशों से आतंकी नेटवर्क को फाइनेंसिंग और अपने क्षेत्रों में आतंकी कार्रवाईयों को रोकने के लिए कहा है। पहली बार डिक्लरेशन में आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। डिक्लरेशन के 7 पैराग्राफ्स में आतंकवाद की निंदा की गई। पीएम मोदी ने ब्रिक्स लीडर्स की रेसट्रिक्टेड ( restricted) सेशन में एक कॉन्फ्रेंस होस्ट करने की पेशकश भी की है।”
भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
  • ब्रिक्स के ज्वाइंट डिक्लरेशन में पाक के आतंकी गुटों का जिक्र होना भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। इस डिक्लरेशन को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में अड़ंगा लगा चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर चीन को साथ जोड़ने में कामयाब हो गया है।
  • इससे पहले, ये माना जा रहा था कि समिट में मोदी पाकिस्तान में आतंकवाद को सुरक्षित ठिकाना मिलने का मुद्दा उठा सकते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कर इसका संकेत भी दिया गया था। हालांकि चीन का कहना था कि यह समिट ऐसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सही जगह नहीं है।
  • डिक्लरेशन में ये भी कहा गया कि ब्रिक्स देश नॉर्थ कोरिया द्वारा किए गए न्यूक्लियर टेस्ट की भी सख्त निंदा करते हैं और कोरियाई पेनिनसुला में न्यूक्लियर मुद्दे पर लंबे वक्त से जारी विवाद के डिप्लोमैटिक हल का समर्थन करते हैं। बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने रविवार को छठा न्यूक्लियर टेस्ट (हाइड्रोजन बम का टेस्ट) किया था, जिस पर साउथ कोरिया, जापान और अमेरिका ने कड़ा एतराज जताया है।

    शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग सबसे अहम: मोदी

  •  मोदी ने समिट के प्लेनरी सेशन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, “शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग सबसे अहम है। इसी से विकास संभव है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देने शुरू कर दिए हैं। ये विकास के काम के लिए नई पहल है। ब्रिक्स ने सहयोग के लिए एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया है। हमें दुनिया में स्टेबिलिटी में योगदान देना होगा। एक ताकतवर ब्रिक्स पार्टनरशिप और इनोवेशन विकास का जरिया बन सकता है।”
  •  “सोलर एनर्जी एजेंडा को मजबूती देने के लिए ब्रिक्स देश इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के साथ काम कर सकते हैं। हमारा मिशन गरीबी को हटाना, हेल्थ, सफाई, स्किल (कौशल), फूड सिक्युरिटी, जेंडर इक्वैलिटी और एजुकेशन तय करना है।”
  • ब्रिक्स देश विकास में एक लेवल पर: जिनपिंग
  •  मोदी से पहले जिनपिंग ने प्लेनरी सेशन में स्पीच दी। जिनपिंग ने कहा, “मतभेदों के बावजूद ब्रिक्स के सभी 5 देश डेवलपमेंट के एक ही लेवल पर हैं। जब दुनिया में इतने बदलाव हो रहे हैं तो ब्रिक्स का सहयोग इस वक्त और अहम हो गया है। दुनिया के साथ हमारे नजदीकी रिश्ते की ये जरूरत है कि हम ग्लोबल गवर्नेंस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए हमें एक साथ एक आवाज में बोलना होगा।”
  •  जिनपिंग ने रविवार को समिट के बिजनेस फोरम का इनॉगरेशन किया था। इस मौके पर जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने के लिए समग्र नजरिया अपनाने की अपील की थी। उन्होंने आतंकवाद के लक्षण और जड़ तक जाने को कहा जिससे आतंकवादियों को कहीं भी ठिकाना न मिले।
  • इकोनॉमिक कोऑपरेशन पर 76 मिलियन डॉलर खर्च करेगा चीन
  •  जिनपिंग ने कहा, “आपस में कोऑपरेशन के बिना हम दुनिया की चुनौतियों का कामयाबी से सामना नहीं कर सकते। ब्रिक्स देशों के लिए चीन इकोनॉमिक और टेक्निकल कोऑपरेशन प्लान लॉन्च करेगा और इस पर 76 मिलियन डॉलर खर्च करेगा।
  • मोदी ने पुतिन के साथ की बाइलैट्रल बातचीत
  • मोदी ने सोमवार को रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन से बाइलैट्रल बातचीत भी की। इसके अलावा दोनों नेताओं ने रीजनल और ग्लोबल इश्यूज पर भी चर्चा की। दोनों नेता ऑयल और नेचुरल गैस सेक्टर में कोऑपरेशन बढ़ाने पर सहमत हुए।
  • मोदी सोमवार को ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल की मीटिंग में भी शामिल हुए। वे आज आज ब्राजील के प्रेसिडेंट मिशेल टेमर के साथ भी बाइलैट्रल बातचीत करेंगे।
  • शियामेन में मोदी की जिनपिंग के साथ समिट से इतर भी मुलाकात हो सकती है। वैसे, मोदी-जिनपिंग की बाइलैट्रल बातचीत मंगलवार को होगी।
  • एयरपोर्ट पर मोदी के लिए वेलकम सेरेमनी कैंसल
  • मोदी समिट में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम शियामेन पहुंचे थे, लेकिन भारी बारिश की वजह से एयरपोर्ट पर मोदी की वेलकम सेरेमनी कैंसल करनी पड़ी। चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मोदी एयर इंडिया के खास विमान से शियामेन पहुंचे।
  • पीपुल्स डेली ने ट्वीट किया, “भारतीय पीएम को लेकर विमान 3 सितंबर को शियामेन पहुंचा। भारी बारिश की वजह से एयरपोर्ट पर होने वाला स्वागत समारोह रद्द करना पड़ा।”
  •  चीन की तरफ से यह सफाई शर्मिंदगी के असर को दूर करने के लिए पेश की गई। बता दें कि चीन के साथ 72 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के खत्म होने के बाद मोदी चीन गए हैं, इस लिहाज से उनके इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
  • इंडियन कम्युनिटी से मिले मोदी, लगे भारत माता की जय के नारे
  • शियामेन पहुंचने के बाद मोदी रविवार रात को ही इंडियन कम्युनिटी से मिले। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगे और मोदी-मोदी की गूंज भी सुनाई दी। इस मौके एक भारतीय महिला ने कहा, “हम उनसे (मोदी) मिलकर वाकई में बहुत खुश हैं, यह हमारे लिए जीवन भर की कामयाबी की तरह है।”
  •  एक दूसरे भारतीय शख्स ने कहा, “मोदी ने भारत को पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया है, हमें उनके जैसा पीएम पाकर काफी गर्व है।” मोदी से मुलाकात के दौरान भारत माता की जय के नारे भी लगाए गए। मोदी-मोदी की गूंज भी सुनाई दी।
  • 9वें ब्रिक्स समिट की थीम
  •  समिट की थीम बेहतर भविष्य के लिए मजबूत साझेदारी है। इस दौरान इकोनॉमिक, पॉलिटिकल और सिक्युरिटी के लिए सहयोग पर चर्चा होगी।
    2009 में हुई थी पहली समिट, पिछली गोवा में
  •  ब्रिक की पहली समिट रूस में हुई थी। तब चार मेंबर ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे। 2010 में साउथ अफ्रीका शामिल हुआ। तब यह ब्रिक से ब्रिक्स हो गया। पिछली ब्रिक्स समिट अक्टूबर 2016 में गोवा में हुई थी।
    आंकड़ों में ब्रिक्स
  • 42% आबादी है ब्रिक्स देशों में पूरी दुनिया की।
  • 23% हिस्सा दुनिया की जीडीपी में ब्रिक्स देशों का।
  •  17% हिस्सा दुनिया के ट्रेड का ब्रिक्स देशों में।

 

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