कटासराज मंदिर की खराब हालत पर पाक कोर्ट की फटकार, जानिए इसका दिलचस्प इतिहास

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चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार के अनुसार, हिंदुओं के हक को संरक्षित करने के लिए कोर्ट किसी भी हद तक जा सकती है और इसीलिए इस मामले में जांच के लिए एक हाई लेवल कमिटी के गठन का भी आदेश दिया है।

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) : पाकिस्तान में स्थित बेहद प्राचीन मंदिर है कटासराज मंदिर। यह मन्दिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर कटास में एक पहाड़ी पर है। उपेक्षित और लगभग बीरानी जैसी हालत है इस मन्दिर की।पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पाक सरकार को मन्दिर की उपेक्षा के लिए फटकार लगाई है।  इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसके कुंड यानि तालाब का निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ है।

दरअसल जब शिव की पत्नी देवी सती ने अपने पिता द्वारा आयोजित हवन में कूदकर जान दे दी थी तो शिव बहुत रोए। वो इतना रोए कि उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए – एक पुष्कर में तो दूसरा कटास में। कटासराज मंदिर के परिसर में जो कुंड स्थित है उसे भगवान शिव के आंसुओं से बना हुआ माना जाता है।

अब इस मन्दिर परिसर में बने तालाब में पानी का स्तर दिनोंदिन घटता जा रहा है, जिसे लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है और एक हफ्ते में तालाब के पानी का लेवल सही करने का आदेश सुना दिया है।

चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार के अनुसार, हिंदुओं के हक को संरक्षित करने के लिए कोर्ट किसी भी हद तक जा सकती है और इसीलिए इस मामले में जांच के लिए एक हाई लेवल कमिटी के गठन का भी आदेश दिया है।

कटास और पांडवों का कनेक्शन

कटासराज मंदिर के साथ पांडवों की भी कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कटास की पहाड़ियों में ही रहे थे और कटासराज में स्थित कुंड वही कुंड है जिसमें पांडव प्यास लगने पर अपनी प्यास बुझाते थे।

यही वो कुंड बताया जाता है जहां पांडवों में से चार भाई पानी पीने के बाद मूर्छित होकर गिर गए थे और पांचवे पांडव यानि युधिष्ठिर के पानी पीने जाने पर यक्ष ने उनसे सवाल किए और फिर उनके भाईयों को ठीक किया।लेकिन आज कटासराज मंदिर अपनी दुर्दशा खुद देख रहा है। हिंदुओं के सबसे प्राचीन माने जाने वाले मंदिरों में से एक कटासराज का जीर्णोद्धार किया जाना था, बावजूद इसके इस मंदिर के कुंड का पानी दिनोंदिन घट रहा है।

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