कुलभूषण की मां-पत्नी को दी मिलने की इजाजत, 25 दिसंबर को होगी मुलाकात

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नई दिल्ली (एजेंसीज) : पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए उनकी मां और पत्नी को इजाजत दे दी है. पड़ोसी मुल्क की ओर कहा गया है कि कुलभूषण की मां अपने साथ उनकी पत्नी को भी ला सकती है. यह मुलाकात 25 दिसंबर को होनी चाहिये. इसके साथ ही भारतीय उच्यायोग का कोई अधिकारी उनके साथ हो सकता है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है. स्वराज ने ट्विटर पर लिखा कि पाकिस्तान की सरकार ने सूचित किया है कि वे कुलभूषण की मां और पत्नी को वीजा देंगे. मैंने इस बारे में जाधव की मां अवंतिका जाधव से बात की है और उन्हें इस बारे में बताया है.

बता दें कि नवंबर महीने में पाकिस्तान ने भारत को सूचित किया था कि वह जाधव व उसकी पत्नी को मानवीय आधार पर मिलने की अनुमति देने के लिए तैयार है. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया था कि पहले जाधव की मां को मिलने की इजाजत दी जाए. जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाई गई है.

ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी और मां दोनों को मिलने की स्वीकृति दे दी है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है.

खबरों के मुताबिक भारत ने कुलभूषण जाधव की मां अवंती जाधव के लिए एक अतिरिक्त वीजा और उन्हें अपने बेटे से मिलने देने की अनुमति की मांग की थी. बता दें कि जाधव की मां ने इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के समक्ष वीजा आवेदन दायर किया था.

 हालांकि भारत ने जाधव की पत्नी को अकेले पाकिस्तान भेजने में अनिच्छा व्यक्त की और जोर देकर कहा था कि उनकी मां का आवेदन भी स्वीकृत किया जाना चाहिए. भारत का कहना है कि जाधव की मां को अपने बेटे से मिलने का अधिकार है. पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नौसेना का कमांडर जाधव भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनलिसिस विंग(रॉ) के लिए काम कर रहा था. इस्लामाबाद का कहना है कि तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उसे अवैध रूप से पाकिस्तान में पकड़ लिया था. भारत ने कहा है कि जाधव एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं और वह रॉ के लिए काम नहीं कर रहे थे.

पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई है. हालांकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में इस पर रोक लगा दी है. नई दिल्ली ने जाधव को वकील मुहैया कराने की मांग पर जोर दिया है, लेकिन इस्लामाबाद ने इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है कि जासूसों से संबंधित मामलों में इस तरह की मदद लागू नहीं.

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