पाकिस्तान का पाखण्ड ; कांच की दीवार के आर-पार बैठ कुलभूषण से मिलीं मां-पत्नी

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इस्लामाबाद/नई दिल्ली : पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सोमवार को मां और पत्नी से मुलाकात हुई। मीटिंग 47 मिनट चली। पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री में मुलाकात के वक्त सब कुछ ठीक नहीं था। जाधव और उनकी पत्नी चेतना-मां अवंतिका के बीच एक ग्लास पार्टिशन (कांच की दीवार) थी। जाधव के सामने एक फोन था। इसका स्पीकर ऑन करके बातचीत कराई गई। कुछ दूरी पर इंडियन डिप्लोमैट जेपी. सिंह थे। खास बात ये है कि जेपी. सिंह के सामने भी एक ग्लास पार्टिशन था। यानी वो उस बातचीत को नहीं सुन सकते थे जो, जाधव और उनकी पत्नी-मां के बीच हो रही थी। जब मुलाकात खत्म हो गई तो पाकिस्तान ने जाधव का नया वीडियो जारी किया। इसमें जाधव कथित तौर पर मीटिंग अरेंज करने के लिए पाकिस्तान सरकार का शुक्रिया अदा करते नजर आते हैं।

कितनी देर चली मुलाकात?

करीब 47 मिनट। हालांकि, जाधव की मां अवंतिका और पत्नी चेतना पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री में एक घंटे से ज्यादा वक्त तक रहीं।

 कैसे हुई बातचीत

जाधव जो बोल रहे थे, वो एक स्पीकर फोन के जरिए जो रिकॉर्ड किया जा रहा था। स्पीकर फोन की आवाज कांच की दूसरी तरफ जाधव की मां और पत्नी तक पहुंचती। इसी तरह बातचीत हुई। जाधव की मां नाम अवंतिका और पत्नी चेतना है। इस दौरान पाकिस्तान की एक महिला डिप्लोमैट फराह बुगती भी मौजूद थीं।

क्या मुलाकात की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई?

इस मुलाकात को पाकिस्तान ने तीन टीवी कैमरों से रिकॉर्ड किया। दो सीसीटीवी कैमरे भी वहां लगे थे।

क्या जाधव की फैमिली को मीडिया के सामने पेश करना चाहता था पाकिस्तान?

हां, पाकिस्तान इसे अपनी इमेज चमकाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था। भारत ने पाकिस्तान का प्रपोजल ठुकरा दिया।

कॉन्स्यूलर एक्सेस का क्या विवाद है?

पाक के फॉरेन मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने जाधव की मां-पत्नी और मां से मुलाकात को कॉन्स्यूलर एक्सेस कहा। उन्होंने जियो न्यूज से कहा- ये कॉन्स्यूलर एक्सेस ही तो है।

लेकिन, क्या ये कॉन्स्यूलर एक्सेस है?

नहीं। ‌ख्वाजा आसिफ गलत बयानी कर रहे हैं। ये सही है कि जाधव की मां-पत्नी को मुलाकात की इजाजत दी गई। ये भी सही है कि इस दौरान इस्लामाबाद में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी. सिंह उस कमरे में मौजूद रहे। लेकिन, वो जाधव से बातचीत नहीं कर सके।

फिर कॉन्स्यूलर एक्सेस के क्या मायने हैं?

कॉन्स्यूलर एक्सेस का मतलब ये है कि पाकिस्तान इंडियन डिप्लोमैट्स को जाधव से बातचीत की इजाजत दे। इस दौरान कोई दखलंदाजी ना हो। मुलाकात की शर्तें पहले से तय हों और जाधव को इंडियन हाई कमीशन डायरेक्ट लीगल असिस्टेंस (सीधी कानूनी मदद) मुहैया कराए। इस मामले में कतई ऐसा नहीं हो रहा है।

मिनिस्टर की बात पर पाक की फॉरेन मिनिस्ट्री ने क्या कहा?

फाॅरेन मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने मुलाकात को कॉन्स्यूलर एक्सेस कहा। कुछ घंटे बाद वहां की फॉरेन मिनिस्ट्री ने मीडिया से कहा- ये कॉन्स्यूलर एक्सेस नहीं है।

पाकिस्तान कैसे भेजा गया चेतना और अवंतिका को?

भारत सरकार ने पाकिस्तान की मदद लेने से परहेज किया। एक कमर्शियल फ्लाइट से अवंतिका और चेतना को पहले दुबई और फिर इस्लामाबाद भेजा गया। लौटते वक्त उन्हें वाया मस्कट दिल्ली लाया जाएगा।

जाधव के नए वीडियो में क्या है?

जब अवंतिका और चेतना पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री से निकल गईं तब जाधव का एक वीडियो जारी किया गया। साफ नजर आता है कि यह वीडियो मुलाकात के पहले ही रिकॉर्ड किया गया था। इसमें जाधव अलग तरह की ड्रेस में नजर आते हैं। वो कथित तौर पर कहते हैं- मैंने पत्नी और मां से मीटिंग के लिए अपील की थी। पाकिस्तान सरकार का शुक्रगुजार हूं जो उन्होंने इतनी दरियादिली दिखाई।

जाधव को जल्द फांसी नहीं दी जाएगी

  • इस तरह की अफवाहें फैल रहीं थीं कि 25 दिसंबर को पत्नी और मुलाकात के बाद जाधव को जल्द फांसी दी जा सकती है।
  • इस बारे में पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन डॉक्टर मोहम्मद फैजल ने कहा था- मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जाधव को जल्द फांसी दिए जाने का कोई खतरा नहीं है। हमने इंसानियत के आधार पर कमांडर जाधव की पत्नी और मां को उनसे मुलाकात की मंजूरी दी है। जाधव की दया याचिका (मर्सी पिटीशन) पेंडिंग है।

जाधव को कब सुनाई गई थी फांसी?

– पाकिस्तान आर्मी का दावा है कि जाधव इंडियन एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के लिए जासूसी कर रहे थे। उन्हें बलूचिस्तान प्रांत से पकड़ा गया। इसके बाद पाक आर्मी के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) ने अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई थी।

– इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने 18 मई, 2017 को फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान को कुछ और शर्तें पूरी करने को कहा।

क्या है कुलभूषण जाधव मामला?

  • पाक की मिलिट्री कोर्ट ने जाधव को जासूसी और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। इंडियन नेवी से रिटायरमेंट के बाद वे ईरान में बिजनेस कर रहे थे।
  • हालांकि, पाक का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च 2016 को अरेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने जाधव पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने और जासूसी का आरोप लगाया है।

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