कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देश पर भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती बढ़ा दी गई है। सीमा पर कोविड जांच की जाएगी। कोविड टीकाकरण का 15 दिन पुराना प्रमाण दिखाने पर ही राज्य में प्रवेश की अनुमति मिलेगी।
राज्य के मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने जिला प्रशासन को कोविड 19 के तहत दी गई गाइडलाइनों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। सभी महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, नर्सिंग कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, कृषि एवं प्रौद्योगिकी संस्थान आदि शैक्षणिक संस्थानों को कोविड जांच के निर्देश दिए गए हैं।
संक्रमित मिलने पर शिक्षकों, छात्रों एवं अन्य स्टाफ कर्मियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। राज्य के सभी स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों की कोरोना जांच की जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना, पान, गुटखा, तंबाकू का सेवन प्रतिबंधित होगा।
इन निर्देशों का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (सेक्शन 51 टू 60) महामारी अधिनियम 1897 एवं आईपीसी की धारा 188 प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह नियम एक दिसंबर से अगले आदेश तक प्रभावी होगा।
सभी पात्र लोगों को पहली डोज लगाई जा चुकी
इधर नोडल अधिकारी डॉ. मो. उमर ने बताया कि सभी पात्र लोगों को पहली डोज लगाई जा चुकी है जबकि करीब 65 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज भी लग गई है। इन दिनों टीके की दूसरी डोज लगाने के लिए विभागीय टीमें गांव, घरों तक पहुंच रहीं हैं। उधर एसएसबी 57वीं वाहिनी के कमांडेंट बीपीएस नेगी ने बताया कि कोविड संबंधी निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसके लिए बनबसा ई कंपनी के असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र कुमार को स्थानीय प्रशासन की मदद लेने के लिए निर्देशित किया गया है। दोनों टीके लगे होने के प्रमाणपत्र को स्वास्थ्य महकमा ही देखेगा। एसएसबी उन्हें सहयोग करेगी।
टनकपुर के दो पुलिसकर्मी कोविड संक्रमित
पुलिस महकमे के कोविड टेस्ट में टनकपुर के दो पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित मिले, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिनों के लिए होम क्वारंटीन किया है। कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. मो. उमर ने बताया कि संक्रमित मिले पुलिस कर्मियों को कोई परेशानी नहीं थी लेकिन सुरक्षा के तहत उन्हें घर पर ही आइसोलेट किया गया है।