चंपावत में हाईवे बंद होने से रातभर फंसे 150 से अधिक यात्री

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हम बहुत सारे लोग जंगलों में 12 घंटे से फंसे हुए हैं। अभी पता नहीं कितने और घंटे समय लगेगा। यहां बहुत अंधेरा है। यहां नेटवर्क भी नहीं है। मैं ऑफ लाइन मैसेज कर रहा हूं। आप किसी को मिले तो आगे फॉरवर्ड कर दें। मैं सैल्यूट करता हूं सभी उत्तराखंडियों को जो आपदाओं और भूस्खलन के बीच रहते हैं। हमारा रेस्क्यू सिस्टम बहुत देरी से पहुंचता है। यह पीड़ा है स्वाला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर मूसलाधार बारिश और दरक रही चट्टानों से बाधित रोड पर फंसे यात्री का। बुधवार रात चट्टान दरकने से बाधित हाईवे पर 150 से अधिक यात्री रातभर फंसे रहे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। वहीं दूसरी ओर, मौसम विभाग ने उत्तराखंड में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

मंगलवार की काली रात को चम्पावत हाईवे पर फंसे 150 से अधिक यात्री ताउम्र नहीं भूल सकेंगे। ये सभी यात्री हाईवे बंद होने से स्वाला के समीप फंस गए। जैसे-जैसे दिन बीत रहा था, यात्रियों की धड़कनें भी बढ़ने लगीं। स्वाला में फंसे रुद्रपुर निवासी राज्य आंदोलनकारी अनिल जोशी, अवतार सिंह बिष्ट, नरेश भट्ट आदि ने बताया कि चट्टान दरकने से हाईवे बंद हो गया। यात्रियों ने एनएच खुलने की उम्मीद में पूरा दिन बिता दिया। लेकिन वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी। शाम होते- होते उनकी चिंता और बढ़ने लगी। बताया रात में चल्थी से कुछ पुलिसकर्मी स्वाला पहुंचे।

उन्होंने यात्रियों का हौसला बढ़ाया। एनएच पर फंसे अन्य यात्रियों अर्जुन सिंह मेहरा, एमएस चौहान, दीवान सिंह, गोविंद सिंह, सुरेश चंद्र, भरत कुमार, विक्रम सिंह, खीमानंद, गोविंद सिंह और कैलाश पंत ने बताया कि पास में स्थित ढाबा मालिक लालमणि भट्ट ने महिलाओं और बच्चों को ढाबे के छोटे से कमरे में रहने के लिए जगह दी। जगह कम होने से पुरुष यात्रियों ने वाहनों में ही रात बिताई। मूसलाधार बारिश और दरकती चट्टानों की आवाजों की वजह से पूरी रात इन यात्रियों ने डर और दहशत के साए में बिताई।

आधे से अधिक यात्रियों को टनकपुर भेजा
स्वाला के समीप फंसे आधे से अधिक यात्रियों को बुधवार को टनकपुर की ओर रवाना किया गया। चल्थी चौकी इंचार्ज हेमंत कठैत ने बताया कि यात्रियों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया कि स्वाला में अब भी 80 के करीब यात्री रुके हुए हैं। पास के दो ढाबा संचालकों को यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

रात में फंसे रहे करीब 80 वाहन
स्वाला में पहाड़ी दरकने के कारण हाईवे पर रात भर करीब 80 वाहन फंसे रहे। इनमें 15 निजी वाहन, 28 टैक्सियां, दो रोडवेज, फल सब्जी के 21 वाहन, तीन घरेलू गैस वाहन और तीन इंडियन ऑयल के वाहन फंसे रहे।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे कई यात्रियों को बुधवार को चम्पावत में ठहराया गया। स्वाला में फंसे यात्रियों से भी टनकपुर की ओर जाने के लिए कहा गया था। रात में ही चल्थी पुलिस को यात्रियों के रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार को स्वाला में फंसे कई यात्रियों को टनकपुर रवाना किया गया।
टीएस मर्तोलिया, एडीएम, चम्पावत।

आंदोलनकारी संगठन के जिला सचिव व व्यापार संघ ने की मदद
स्वाला में नेशनल हाईवे बंद होने से फंसे यात्रियों की दिक्कत देखते हुए राज्य आंदोलनकारी संगठन के जिला सचिव व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजू गड़कोटी ने मदद पहुंचाई। उन्होंने अमोड़ी निवासी अपने परिचितों प्रधान ललित भट्ट, बीडीसी सदस्य रमेश भट्ट, विनोद भट्ट, घनश्याम भट्ट, टीकाराम भट्ट आदि की मदद से इन यात्रियों को बिस्किट, नमकीन और पेयजल उपलब्ध कराया। वहीं चम्पावत मुख्यालय में फंसे यात्रियों की मदद के लिए व्यापार संघ और पालिका ने पहल की। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष प्रकाश तिवारी, चम्पावत इकाई अध्यक्ष विजय चौधरी के नेतृत्व में सचिव नवल जोशी, कोषाध्यक्ष केदार जोशी, राजू बोहरा आदि ने यात्रियों को भोजन की व्यवस्था की। उधर, पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा ने रैन बसेरे में यात्रियों को ठहराने की व्यवस्था की।

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