बागेश्वर : कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत चार दिवसीय पिंडारी ग्लेशियर की साहसिक यात्रा से लौट आए हैं। वह यहां से नैनीताल रवाना हो गए हैं। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पिंडारी ग्लेशियर जाने वाले ट्रैक रूट और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। पिंडारी, पनवाली द्वार, छांगुच, बलजुरी, नंदाकोट, नंदखाट, ट्रेलपास आदि की जानकारी भी जुटाई। कहा कि साहसिक पर्यटन की अभाव संभावनाएं हैं। सरकार की मंशा भी प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है।
ट्रेकिंग अभियान के लिए समय से पूरी करें व्यवस्था
आयुक्त कुमाऊं रावत ने कहा कि पिंडारी ग्लेशियर को शासन ने ट्रेक आफ द ईयर घोषित किया है। शीघ्र ही पिंडारी ग्लेशियर ट्रेकिंग अभियान प्रारंभ किया जाना है। व्यवस्थाएं समय से पूरी कर ली जाएं। जिला योजना से कार्यदायी संस्था लोनिवि को 26 लाख की धनराशि रूट मरम्मत को अवमुक्त की गई है। समय और गुणवत्ता का विशेष ध्यान देना है।
द्वाली चट्टान के संकरे क्षेत्र का चौड़ीकरण करेगा लोनिवि
कमिश्नर ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करानी हैं। लोनिवि कपकोट को पर्यटकों के सुरक्षित यात्रा के लिए द्वाली चट्टान के संकरे क्षेत्र पर ध्यान देगा। इसके लिए कमिश्नर ने चौड़ीकरण कर सुगम मार्ग बनाने के निर्देश दिए। केएमवीएन पर्यटन आवास घरों की मरम्मत, किचन का जीर्णोद्धार, शौचालय, पानी और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए।
बेंचेज और कैफेटेरिया अन्य संस्था को दें
आयुक्त कुमाऊं ने कहा कि एडीबी ने बेंचेज, कैफटेरिया, यात्र सैड आदि बनाए हैं। ये सभी वन पंचायत या किसी अन्य संस्था को हस्तांरित किए जाएंगे। कमिश्नर ने जिलाधिकारी को इसके लिए निर्देश दिए। क्षतिग्रस्त सुंदरढूंगा, कफनी ग्लेशियर रूट की मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाएंगे।
देशी-विदेशी पर्यटकों से लिए सुझाव
आयुक्त कुमाऊं ने स्थानीय लोगों के अलावा देशी-विदेशी साहसिक पर्यटकों से बात की। बेहतर ट्रेकिंग के सुझाव लिए। लोगों ने पिंडारी ग्लेशियर के लिए नए ट्रैक रूट विकसित करने की मांग की। एमडी केएमवीएन मैनेजर एडवेंचर को रूट रेकी करेंगे। प्लास्टिक आदि के ग्लेशियर ले जाने में रोक लगाने के निर्देश दिए। ग्लेशियर को स्वच्छ और सुरक्षित रखने को कहा।
दल में शामिल
आयुक्त कुमाऊं की साहसिक यात्रा में एमडी केएमवीएन विनीत तोमर, उपजिलाधिकारी कपकोट पारितोष वर्मा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ती आर्या, चिकित्सक डा. डीपी शुक्ला, मैनेजर एडवेंचर केएमवीएन रमेश सिंह कपकोटी, अपर अभियंता लोनिवि जीएस मेहरा आदि शामिल थे।