नए साल में उत्तराखंड के भोजन माता विवाद पर लगा विराम, सर्वसम्मति से इन्हें मिल ही गई नियुक्ति

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चम्पावत/टनकपुर: जीआइसी सूखीढांग में अब एससी वर्ग की सुनीता देवी ही भोजन माता होंगी। स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) और अभिभावक-शिक्षक संघ (पीटीए) की बैठक में सर्वसम्मति से सुनीता को भोजन माता के रूप में नियुक्त कर दिया गया। शीतकालीन अवकाश के बाद 15 जनवरी से विद्यालय खुलने पर वह काम शुरू कर देंगी।

सीईओ आरसी पुरोहित की अध्यक्षता में एसएमसी व पीटीए की मौजूदगी में बैठक शुरू हुई। पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी ने परित्यक्ता पुष्पा भट्ट का नाम भोजन माता के रूप में प्रस्तुत किया। लेकिन आम सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद सुनीता देवी को एससी वर्ग का होने व पुत्र के निचली कक्षा में पढऩे की वजह से प्राथमिकता मिली। हालांकि एससी वर्ग की दो अन्य आवेदक भी थीं, जिनके पुत्र उच्च कक्षा में पढ़ते हैं। इस कारण सर्वसम्मति से सुनीता की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

इधर, नियुक्ति प्रक्रिया विवाद का पटाक्षेप हुआ तो चल्थी पुलिस ने पूर्व में दी गई सुनीता की तहरीर पर बीडीसी दीपा जोशी व पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र जोशी सहित छह के खिलाफ जातिसूचक शब्द कहने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर नया अध्याय शुरू कर दिया। एसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि जांच सीओ अशोक कुमार को सौंपी गई है। रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।

विवाद की जड़
विद्यालय में पूर्व भोजन माता शकुंतला को उम्र अधिक होने का हवाला देते हुए हटाया गया। 28 अक्टूबर को प्रधानाचार्य ने नई नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की। 25 नवंबर को सामान्य वर्ग के अभिभावकों ने पुष्पा भट्ट के नाम का प्रस्ताव किया। लेकिन एससी अभिभावक सुनीता के पक्ष में खड़े हो गए। चार दिसंबर को प्रधानाचार्य प्रेम ङ्क्षसह ने फिर बैठक बुलाई, जिसमें सामान्य वर्ग के अभिभावक शामिल नहीं हुए। इसपर सुनीता को भोजन माता के रूप में नियुक्त कर लिया गया। सुनीता ने भोजन बनाना शुरू किया तो सामान्य वर्ग के बच्चों ने उसे खाने से ही इन्कार कर दिया। सभी घर से टिफिन लेकर आने लगे।

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