बागेश्वर : सुंदरढूंगा घाटी में पांच बंगाली ट्रैकरों के हताहत और एक स्थानीय गाइड के लापता होने पर सोमवार को भी रेस्क्यू अभियान चला। पर अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लग सका। रेस्क्यू के लिए सात सदस्यीय दल को पहली बार हेलीकाप्टर के माध्मय से कठेलिया में पहुंचाया गया। हेलीकाप्टर ने नैनी सैनी हवाई अड्डा पिथौरागढ़ से उड़ान भरी। उन्हें देवीकुंड तक जाना था, लेकिन खराब मौसम के चलते पहले ही उतारना पड़ा। कठेलिया में छह सदस्यीय राहत दल भी पहुंच गया है।
अब 13 सदस्यीय दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी के कारण राहत पहुंचाने में परेशानी हो रही है। सुंदरढूंगा की यात्रा पर निकले पांच बंगाली ट्रैकर समेत एक गाइड का सोमवार दोहपर तक भी पता नहीं चल सकवा है। जबकि बाछम, जांतोली, जैकुनी गांव से उनके साथ गए चार गाइड वापस लौट आए हैं। उन्होंने प्रशासन को पांचों के हताहत होने और एक के लापता होने की जानकारी दी थी। इसके बाद प्रशासन लगातार घटनास्थल पहुंचने का प्रयास कर रहा है, लेकिन राहत कार्य में मौसम लगातार आड़े आ रहा है।
बीते शनिवार को चौपर उड़ान तक नहीं भर पाया। सोमवार को प्रशासन ने इस बार पिथौरागढ़ के नैनीसैनी हवाई अड्डे से उड़ान भरवाई। सात सदस्यीय दल लेकर चौपर देवीकुंड के लिए उड़ा, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वह कठेलिया में ही उतर गया। यहां तीन दिन पहले पैदल जा रहा छह सदस्यीय दल भी पहुंच गया है। दोनों दल यहां से पैदल रेस्क्यू के लिए निकल गए हैं। कठेलिया से कनकटा की दूरी लगभग 12 किमी है। मौसम खराब होने के कारण यह दूरी नापना भारी पड़ रहा है।
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि वह अभियान पर पूरी नजर रखे हुए हैं। बर्फबारी और बारिश के कारण रेस्क्यू अभियान में दिक्कत हो रही है। पांच शवों के देखे जाने की सूचना है। जल्द रेस्क्यू होने की उम्मीद है।