बागेश्वर : विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ने शहीद स्थल स्मारक तहसील परिसर पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 1971 के भारत-पाक युद्ध में जिले के 24 शहीद सैनिकों भावपूर्वक याद किया, जिन्होंने अदम्य साहस से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। सेना के पराक्रम के आगे पाकिस्तान पस्त हो गया और 14 दिन में ही लड़ाई समाप्त हो गई थी।
गुरुवार को तहसील परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सैनिकों ने अपने आदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ाकर विजय प्राप्त की। भारत के वीर सैनिकों की बहादुरी के बदौलत इस युद्ध को 14 दिनों में समाप्त कर दिया गया था। सेना ने इस युद्ध को जीत कर 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बना लिया और शिमला समझौते के तहत ही उन्हें रिहा किया गया। तब से इस दिन को प्रतिवर्ष पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक चंदन राम दास, नगर पालिकाध्यक्ष, सुरेश खेतवाल ने कलावती देवी पत्नी भैरव दत्त, दमयंती देवी पत्नी उमेश सिंह, बिमला जोशी पत्नी केआर जोशी तथा पदमा देवी पत्नी मोहन राम वीर नारियों को शाल ओढाकर सम्मानित किया। इसके अलावा कलावती देवी एवं बिमला जोशी जोशी को शहीद सम्मान यात्रा के तहत ताम्र पत्र एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया।
जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास अधिकारी ले. कर्नल गंगा सिंह बिष्ट ने 1971 भारत-पाक युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, एसपी अमित श्रीवास्तव, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी केएन तिवारी, उपजिलाधिकारी हरगिरि, चेयरमैन रेडक्रास संजय शाह जगाती, नायब तहसीलदार दीपिका आर्या, इंद्र सिंह परिहार, दिलीप खेतवाल, बाला दत्त तिवारी, किशन सिंह मलड़ा आदि मौजूद थे।