बागेश्वर में अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गए पांच मकान, 15 हजार से अधिक लोगों का जीवन प्रभावित

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बागेश्वर। उत्तराखंड में भारी बारिश से आफत आ गई है। ऋषिकेश से लेकर बागेश्वर तक में भारी बारिश का दौर जारी है। जिले में रात से वर्षा का दौर चल रहा है। पांच मकान और दो गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। 11 मोटर मार्ग मलबा और बोल्डर गिरने से अवरुद्ध हैं। 15 हजार से अधिक लोगों का जीवन यातायात पटरी से उतर गया है। घरों में पानी घुस गया है। जिससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बीते रविवार की रात नौ बजे से वर्षा जारी है। बमराड़ी निवाासी चंदन सिह पुत्र डुंगर सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। वह परिवार के साथ अन्यत्र शिफ्ट हो गए हैं। ओखलीसिरौद निवासी हंसी देवी पत्नी दयाकृष्ण, बौड़ी निवासी जय राम पुत्र मोती रामबूंगा निवासी रतन राम पुत्र दीवान राम, ग्वाड़पजेणा निवासी मोहन राम पुत्र देव राम का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जबकि ग्वाड़पजेणा निवासी सुंदर राम पुत्र रतन राम और भटखोला निवासी महेश राम पुत्र गौरी राम की गौशाला ध्वस्त हो गई है।

अतिवृष्टि से बेघर हो गए लोग
अतिवृष्टि से 20 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। इधर, जिला आपदा अधिकारी ने कहा कि नुकसान का आकलन राजस्व विभाग कर रहा है। बंद सड़कों को खोलने के लिए लोडर मशीनें लगाई गईं हैं। भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग बेघर हो गए हैं, वहीं कई लोग बारिश में लापता भी हो गए हैं।

होराली गांव में तुन की टहनी बिजली के तारों पर गिरी
दुग नाकुरी तहसील में एक आवासीय मकान के पास तुन का सूखा पेड़ गिरने लगा है। उसकी टहनियां टूटकर विद्युत लाइन पर गिर गई हैं। जिससे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई है। वहीं, मकानों को भी खतरा बना है। सोमवार को होराली गांव में तेज वर्षा हुई। जिस कारण भूपाल सिंह पुत्र नंदन सिंह के आवासीय मकान के पास सूखा तुन के पेड़ की टहनियां गिरने लगी। जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

बिजली के तार भी टहनी की चपेट में आने से आंगन पर गिर गए। गनीमत रही कि कोई भी ग्रामीण करंट की चपेट में नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि पेड़ कभी भी गिर सकता है। जिससे दीवान सिंह पुत्र भवान सिंह, नरेंद्र सिंह पुत्र दीवान सिंह, विनोद सिंह हरीश सिंह पुत्र भवान सिंह आदि के मकानों को खतरा बना है। ग्रामीण नैन सिंह पुत्र सादो सिंह ने बताया कि पूर्व में सूखे पेड़ को काटने के लिए आवेदन किया था।

जान जोखिम में डाल करा रहे स्कूली बच्चों को गधेरा पार
कपकोट तहसील के भनार गांव के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं। इस पीड़ा को गांव के व्यक्ति ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो बनाकर प्रसारित किया है, जिसमें दो लोग मिलकर बच्चों को बारी-बारी से गोदी में रखकर गधेरे पार करा रहे हैं। गधेरा पूरी तरह उफान पर है। थोड़ी चूक होने पर घटना हो सकता है। आपदा में बही पुलिया के निर्माण की अभी कोई संभावना भी नहीं है।

भनार के ग्राम प्रधान भूपाल राम ने बताया कि पीएमजीएसवाइ बसोडा-खड़लेख मोटर मार्ग का निर्माण कर रही है। निर्माण के चलते भूस्खलन हुआ और मलबा खंगाड़ गधेरे में समा गया। गत दिनों हुई वर्षा से गधेरे में बने तीनी पुलिया बह गईं। इस समस्या को उन्होंने तहसील दिवस में भी उठाया।

बस मिला है आश्वासन
गांव वालों को जिलाधिकारी ने शीघ्र पुलिया निर्माण का भरोसा भी दिया, लेकिन लगातार हो रही वर्षा से पुलिया का निर्माण नहीं हो सका है। अब पुलिया के अभाव में स्कूली बच्चों की परेशानी बढ़ गई है। शनिवार को एक ग्रामीण ने इस पीड़ा की वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया वायरल कर दिया है। वीडियो में दो लोग बच्चों को किसी तरह गधेरा पार करा रहे हैं। गधेरा पार कराने में यदि थोड़ी भी चूक हुई तो बच्चों को बहने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने शीघ्र पुलिया बनाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में लगातार वर्षा हो रही है।

सड़कों पर आया मलबा, यातायात प्रभावित
कांडा-सानिउडियार, भानी-हरसिंग्याबगड़, भयूं-गडेरा, फरसाली-पल्ली, कठपुड़ियाछीना-सेराघाट, बागेश्वर-कपकोट-तेजम, कमेड़ीदेवी-भैसुड़ी, कुचौली-मलसूना-टकनार, काफलीकमेड़ा, बड़ेत, नान-कन्यालीकोट आदि मोटर मार्ग यातायात के लिए प्रभावित हैं।

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