बागेश्वर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में स्वरोजगार का संदेश ऐसा भाया कि दिल्ली में होटल की नौकरी छोड़ बागेश्वर जिले के गैराड़-बिलखेत गांव निवासी बलवंत सिंह नगरकोटी गांव लौट आए। आज वह आधुनिक खेती से सालाना पांच से आठ लाख तक कमा रहे हैं। उन्होंने शुरुआत मशरूम उत्पादन से की। इसके बाद पालीहाउस लगाकर शिमला मिर्च और नवीन प्रजाति के टमाटर की पैदावार शुरू की। अभी वह डिमरी मशरूम के उत्पादन में जुटे हैं। विगत दिनों जिले के भ्रमण पर आए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने प्रभावित होकर उन्हें सम्मानित भी किया।
आज बलवंत सिंह से प्रेरित गांव के 10 युवा भी बाहर की नौकरी छोड़ उद्यान व कृषि विभाग की योजनाओं की मदद से आत्मनिर्भर बने हैं। उनकी सोच और मेहनत ने गांव की 100 नाली परती जमीन को भी हरियाली से भर दिया। इस पहल से आज गांव में खुशहाली है। रिवर्स पलायन की भी उम्मीद जगी है।
अनुदान पर लगाए पालीहाउस
गैराड़-बिलखेत के लोग यूं तो पारंपरिक खेती करते हैं। लेकिन गांव के युवा बलवंत सिंह ने जिला योजना से चार पालीहाउस लगाए। उन्हें 80 प्रतिशत अनुदान भी मिला, जिसमें 25 क्विंटल शिमला मिर्च, 50 क्विंटल टमाटर का उत्पादन हुआ। वर्तमान में कद्दू, लौकी, खीरा, करेला तैयार है। मशरूम उत्पादन के लिए 10 क्विंटल कंपोस्ट पर भी राज सहायता प्रदान हुई है। ज्योलीकोट से खाद लेकर आए, जिसमें डिमरी मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। बटन मशरूम का 250 क्विंटल उत्पादन किया और लगभग एक लाख रुपये का लाभ हुआ। इस काम में गांव के 10 युवाओं को भी साथ जोड़ा है।
– बलवंत सिंह, नगरकोटी, युवा काश्तकार दो हजार वर्ग मीटर में पालीहाउस बनाया गया है। उन्हें मलिचिग सीट भी उपलब्ध कराई गई है, जिसमें नमी रहती है। सिचाई की बार-बार जरूरत नहीं होती। बलवंत बेहतर काम कर रहे हैं और आठ लाख रुपये तक सालाना आय भी करने लगे हैं।- आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी, बागेश्वर