राजेश्वरी की कला से महकी विद्यालय की बगिया, बच्चों में हो रहा रचनात्मक विकास

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बागेश्वर: एक कला शिक्षिका विद्यालय की बगिया को महका रही हैं। वह निष्प्रोज्य समझी जाने वाली वस्तुओं से गमले तैयार कर रही हैं। उन गमलों में विभिन्न प्रजाति के फूल उगा रही हैं। जिसकी प्रशंसा विद्यालय में हो ही रही है। आसपास के गांव के लोग भी उनसे कलाकारी सीख रहे हैं। जिसमें विद्यालय के अन्य शिक्षक भी उनका साथ दे रहे हैं।

राजकीय इंटर कालेज वज्यूला में तैनात कला शिक्षिका राजेश्वरी कार्की ने विद्यालय की बगिया को महकाने ठान ली है। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने सुंदर पेटिंग बनाई। वोट देने के लिए लोगों को जागरूक किया। जिसकी निर्वाचन आयोग ने भी भूरि-भूरि प्रशंसा की।

अब वह विषय पढ़ाने के बाद गमले बनाने में जुट रही हैं। प्रधानाचार्य आरके मिश्रा ने बताया कि कला शिक्षिका बोरे, ऊन के पुराने स्वेटर आदि को सीमेंट में भीगा देती हैं। उन्हें सूखाने के लिए बाल्टी या गमलानूमा आकर के किसी बर्तन के ऊपर डाल देती हैं। उसके बाद जो सुंदर गमले की आकृति निकलती है। उससे हर कोई हैरान है।

उन्होंने बताया कि वह एक कट्टा सीमेंट से लगभग 35 छोटे-बड़े गमले तैयार कर लेती हैं। उन गमलों में विभिन्न फूल उगाए जा र हे हैं। जिससे विद्यालय के बच्चे भी प्रेरित हैं। वह भी रद्दी समझे जाने वाली वस्तुओं का उपयोग करने लगे हैं। शिक्षक आलोक पांडे, हरीश फस्वार्ण और हिमांशी जोशी उन्हें भरपूर मदद कर रहे हैं।

 

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