देहरादून। संवाददाता। किडनी गैंग के मास्टर माइंड डा. अमित और उसके साथी पिछले पांच दिनों से फरार चल रहे हैं। वहीं पुलिस का चार ओमान नागरिकों के विदेश भागने का शक गहराता जा रहा है। ऐसे में लुक आउट सर्कुलर के साथ ही आरोपियों के तलाश में इंटरपोल की मदद लेने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कराने पर पुलिस विचार कर रही है।
इधर, किडनीखोर बाप-बेटे और उसके दलाल राजीव के बैंक स्टेटमेंट में करोड़ों के लेनदेन की पुष्टि हो गई है। राजीव की पत्नी के खाते से उत्तरांचल डेंटल कॉलेज को भी पचास लाख की रकम ट्रांसफर किए जाने के भी साक्ष्य मिले हैं, जिससे गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल को लीज पर दिए जाने पर भी मुहर लग गई है। देर शाम पुलिस अधिकारियों की टीम सर्च वारंट लेकर अमित और राजीव के नेचर विला स्थित फ्लैट पर पहुंची, जहां देर रात तक तलाशी चली।
अब तक की जांच में सामने आया है कि किडनी गैंग का सोमवार को खुलासा होने से ठीक एक दिन पहले अमित और राजीव गंगोत्री चैरिटेबल हास्पिटल के एंबुलेंस से फरार हो गए थे। डोईवाला कोतवाली पुलिस ने एंबुलेंस के चालक को पूछताछ के लिए बुलाया है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि एंबुलेंस के चालक से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि अमित और राजीव को उसने कहां छोड़ा था। दोनों की आखिरी लोकेशन हरियाणा और शिमला मिली थी। तब से कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में उनके नेपाल भागने का शक गहरा रहा है।
एसएसपी ने बताया कि अमित नेपाल जा सकता है। उसके बेटे अक्षय, दलाल राजीव और ओमान नागरिकों के बारे में शक है कि वह देश से बाहर जा सकते हैं, लेकिन अभी तक इमीग्रेशन डिपार्टमेंट से इस बात की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस लगातार उनसे संपर्क में है। फिर भी यदि गैंग के सदस्यों के बारे में इस दिशा में जरा भी शक होता है तो इंटरपोल की मदद लेने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करा दिया जाएगा। इस पर विचार चल रहा है।