देवभूमि पहुंचा विदेशी हाईप्रोफाइल एलएसडी ड्रग्स, छोड़ने से भी नहीं छूटता

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देहरादून। संवाददाता। एजुकेशन हब के नाम से मशहूर दून शहर का युवा अब नशें की आगोश में जीने का आदि हो चला है। खास तौर पर वो युवा जो नशें को ही स्टेटस सिंबल समझने की गलती कर बैठते हैं। ऐसा ही एक हाईप्रोफाइल मामला ऋषिकेश थाना क्षेत्र जिला देहरादून के अंतर्गत सामने आया है।

पुलिस ने लाखों की हाईप्रोफाइल ड्रग्स एलएसडी बरामद की है। इसका सेवन करने के बाद इंसान को वर्तमान स्थिति कई घंटों तक सुहानी लगने लगती है। बरामद ड्रग्स की अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कीमत पांच लाख रूपये बताई जा रही है। पुलिस ने इस गौरखधंधे में लिप्त तीन मादक तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हें कोर्ट से जेल भेजा जा रहा है।

दून एसएसपी आॅफिस में मामलें का खुलासा करते हुए एसएसपी निवेदिता कुमार कुकरेती ने बताया कि एलएसडी ड्रग्स के खेंप बरामद की है। जो हाईप्रोफाईल होने के साथ काफी भयंकर और दिमाग को पूरी तरह खोखला कर देने वाला नशा है। पुलिस द्वारा नशें के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत पुलिस गस्त पर थी, पुलिस जब त्रिवेणीघाट और मायकुंड पहुंची तो नावघाट के पास रामानुज आश्रम के पास तीन लोग बैंच पर बैठे दिखाये दिए।

 

पुलिस को आता देख तीनों वहां से भागने का प्रयास करने लगे, जिन्हें पुलिस ने तुरंत पकड़ लिया। जिनके पास से एलएसडी, स्ट्रेप पेपर व एलएसडी ड्राॅप बरामद हुई है। जो कि विदेशी नशा है, जिसका सेवन विदेशी लोग और नई उम्र के युवक और युवतियों द्वारा रेव पार्टियों, कैम्पिगं में लिया जाता है। इसका सेवन करने के बाद सबकुछ अच्छा लगने लगता है।

आरोपियों की पहचान प्रेमचन्द्र पुत्र बनवारी लाल निवासी द्वारा राम बहादुर 129 आर्दश ग्राम कुम्हारबाड़ज्ञ ऋषिकेश व मूल पता कुम्हार गढ़ा थाना कनखल जिला हरिद्वार, हरजोत सिंह उर्फ प्रिन्स पुत्र परमजीत सिंह निवासी डी 1 सोमेश्वर लोक अपार्टमेंट गंगानगर थाना ऋषिकेश, वरूण उपाध्यय पुत्र दिनेश उपाध्याय निवासी 143 मायाकुंड थाना ऋषिकेश।

पुलिस ने प्रेमचंद के कब्जे से 2 पारदर्शी पन्नी एयर टाइट के अंदर एक पन्नी में एक आईड्रापनुमा प्लास्टिक की शीशी जिसमें करीब 0.5 मिली लीटर के लगभग द्रव्य है व दूसरी पारदर्शी पन्नी में चोकोर स्ट्रीप्स पेपर जिसके पिछले भाग पर रंग बिरंगी आकृति है व 25 बराबर खानों में बटा है व दूसरी तरफ ऊपरी भाग पर उन्ही 25 खानों के मुताबिक 25 ड्राप मौजूद है। एक ड्राॅप की कीमत दो से तीन हजार रूपयें बताई है। दो आरोपियों के कब्जे से भी कुल तीन स्ट्रीप्स पेपर और कुल 73 ड्राॅप बरामद की है।

 

इस तरह से लिया जाता है आईएसडी ड्रग्स
पुलिस ने आरोपियों के हवाले से बताया कि एलएसडी को एसिड, ब्लाॅस्टर या डाॅटस भी कहा जाता है। यह स्वाद में कड़वी, रंगहीन, गंधरहित दवा है। बाजार में रंगीन टेबलेट, पारदर्शी तरल, जिलोटिन के पतले-पतले वर्ग के रूप में मिलती है। आमतौर पर इस नशें के आदि लोग इसे बलास्टर पेपर के रूप में चाटते हैं या टेबलेट के रूप में लेते हैं। जबकी जिलेटिन और तरल के रूप में इसे आंखों में रखा जा सकता है।

 

एलएसडी सेवन करने वालों के लक्षण
एलएसडी सेवन करने वाले की आंखों की पुतलिया तन जाती है, जैसे पुतलिया खींच कर लम्बी कर दी गई हो। बहुत ज्यादा पसीना आना, व्यक्ति में असहजता और घबराहट की स्थिति होने लगती है। इसका सेवन करने के बाद व्यक्ति अपने होशो हवास खो देता है। सेवन करने वाले का व्यवहार ऐसा हो जाता है जैसे वो वर्तमान में न हो। करीबियों को व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलते है। हदृय गति और रक्तचाप बढ़ने लगता हे, ऐसी स्थिति में व्यक्ति की आंखों, कनपट्टी और कान के बुंदा पहनने वाली जगह लाल हो जाती है।

एलएसडी ड्रग्स से होने वाला नुकसान
एलएसडी का सेवन करने से मनोरोग होने की संभावना होती है। इसका प्रयोग करने वालों को कभी-कभी एलएसडी फ्लैश बैक हो जाता है, इन हालातों में व्यक्ति को बिना ये ड्रैग्स लिये ही नशें का अहसास होने लगता है। यह स्थिति ड्रग्स बंद करने के कुछ दिनों से लेकर कुछ साल तक या कभी भी फ्लैश बैक हो सकता है। इसलिए इसका आदि होने के बाद इसे छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। व्यक्ति को हलुसिनोजेन प्रेसिस्ंिटग परसेप्शन डिसाडर यानी भच्चकू हो सकता है।

 

ऐसी हो सकती है एलएसडी की पहचान
एलएसडी के सेवन को पहचान पाना आसान नहीं होता, इसका असर सामान्य स्थिति में 24 घंटे में खत्म हो जाता है। किसी प्रकार की दवा या जांच टाॅक्सीकोलाॅजी टेस्ट्स की जरूरत नहीं होती, साथ ही यह सामान्य जांचों की तरह सामने भी नहीं आता। इसके लिए विशेष प्रकार की रक्त जांच का प्रयोग किया जाता है। इस नशें के आदि व्यक्ति को देखकर ही पहचाना जा सकता है।

 

सिर्फ इस तरह मिल सकती है एलएसडी से निजात
यह बहुत ही जरूरी है कि इस भयंकर जानलेवा नशे के आदि को इससें मुक्ति दिलाई जा सकें। इसके लिए एलएसडी के आदि व्यक्ति को काउंसलिंग और बिहैवियरल ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। जबकी विथड्राॅल के लक्ष्णों से बचने के लिए दृ निकोटिन पैचेज और मेथाडाॅन नोलट्रेक्सोन या साबाॅक्सोन दिया जा सकता है।

 

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