वायुसेना के कमांडो दस्ते के गरुड़ के कई सदस्य इस समय कश्मीर में थलसेना की विभिन्न टुकड़ियों के साथ आतंकरोधी अभियानों के संचालन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। गरुड़ कमांडोज की ट्रेनिंग नेवी के मार्कोस और आर्मी के पैरा कमांडोज की तर्ज पर ही होती है। इन्हें एयरबॉर्न ऑपरेशंस, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररेजम का जिम्मा उठाने के लिए ट्रेन किया जाता है।
श्रीनगर (एजेंसीज) : उत्तरी कश्मीर में बांदीपुरा के हाजिन इलाके में बुधवार को मुठभेड़ में वायुसेना के दो गरुड़ कमांडो शहीद हो गए। ऐसा पहली बार हुआ है कश्मीर में गरुड़ कमांडो को आतंकी मुठभेड़ में अपनी जान गंवानी पड़ी हो। चंडीगढ़ में जब शहीद सार्जंट मिलिंद किशोर और कॉरपोरल नीलेश कुमार को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई तो हर किसी की आंखें भर आईं।
वायुसेना के कमांडो दस्ते के गरुड़ के कई सदस्य इस समय कश्मीर में थलसेना की विभिन्न टुकड़ियों के साथ आतंकरोधी अभियानों के संचालन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। गरुड़ कमांडोज की ट्रेनिंग नेवी के मार्कोस और आर्मी के पैरा कमांडोज की तर्ज पर ही होती है। इन्हें एयरबॉर्न ऑपरेशंस, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररेजम का जिम्मा उठाने के लिए ट्रेन किया जाता है।