गोहत्या रोकने की कोशिश कर रही महिला इंजीनियर पर भीड़ का हमला; हमलावरों ने उसे जमकर पीटा

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मैंने नहीं सोचा था कि मैं जिंदा बचकर आ पाऊंगी। मिनटों में 150-200 लोग हमें नुकसान पहुंचाने के लिए इकठ्ठा हो गए। वहां हमें बचाने को कोई पुलिस नहीं थी। इस तरह सिर्फ अपराधी ही व्यवहार कर सकते हैं, माफिया के पास ही इतनी भीड़ इतनी जल्दी इकठ्ठा करने की कूव्वत होती है। मुझे पूरी तरह लगता है कि इसमें पुलिस भी शामिल है, क्योंकि अगर वह जरा भी ईमानदार होती तो एक महिला को इतना खतरा मोल लेने नहीं देती।

बेंगलुरु (एजेंसीज) : गोहत्या रोकने की कोशिश कर रही महिला इंजीनियर पर भीड़ ने हमला कर दिया। हमलावरों ने उसे जमकर पीटा और उसकी कार तक तोड़ डाली। नंदिनी ने कहा, हम शहर के बाहरी इलाके तलघट्टापुरा में इलाके में गए तो बीफ की अवैध दुकानें देखीं। वहां 14 गायें बंधी थीं, जिनमें से दो बछड़ों को काटने के लिए पास ही एक छोटे कमरे में ले जाया जा रहा था। पशु-प्रेमी होने की वजह से हम तलघट्टापुरा के पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। हमें विश्वास दिलाया गया था कि कार्रवाई की जा रही है और इलाके में पुलिस भेजी गई है।  अवैध गाय माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, मगर ऐसा नहीं होने पर उसने खुद को फंसा महसूस किया।

नंदिनी ने बताया, जब हमें कोई अपडेट नहीं मिली तो मैं साथी शिकायतकर्ता और दो पुलिस कॉन्स्टेबल्स को लेकर अपनी कार में वहां गई। पुलिस की कोई गाड़ी उपलब्ध नहीं थी। वहां पहुंचने पर हमने देखा कि भीड़ इक_ा हुई है। जैसा हमें कहा गया था कि वहां पुलिस होगी, मगर वहां कोई नहीं था। मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी जाल में फंस गई हूं। भीड़ ने हम पर ईंटें, बोल्डर और कांच की बोतलें बरसानी शुरू कर दीं और पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने लगे। यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा अनुभव था। भीड़ के पथराव में उसकी कार भी टूट-फूट गई।

नंदिनी ने कहा, मैंने नहीं सोचा था कि मैं जिंदा बचकर आ पाऊंगी। मिनटों में 150-200 लोग हमें नुकसान पहुंचाने के लिए इकठ्ठा हो गए। वहां हमें बचाने को कोई पुलिस नहीं थी। इस तरह सिर्फ अपराधी ही व्यवहार कर सकते हैं, माफिया के पास ही इतनी भीड़ इतनी जल्दी इकठ्ठा करने की कूव्वत होती है। मुझे पूरी तरह लगता है कि इसमें पुलिस भी शामिल है, क्योंकि अगर वह जरा भी ईमानदार होती तो एक महिला को इतना खतरा मोल लेने नहीं देती। इस घटना की पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि अवैध गोहत्या का खुलासा करने वाली महिला पर भीड़ के हमले की निंदा करता हूं। यह हिंसक हमला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में गिरती कानून-व्यवस्था का सबूत है।

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