दरअसल केंद्र सरकार देशभर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के माध्यम से लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराना चाहती है. इस कारण इस योजना का प्रसार किया जा रहा है. पिछले दिनों देश में 20 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं.
नई दिल्ली (एजैन्सीज) : यदि आप भी रोजगार की तलाश में हैं तो सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. आप भी इन योजनाओं का फायदा उठाकर हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं. जिस योजना के बारे में हम आपको बता रहे हैं, उसके माध्यम से आप शहर, गांव या कस्बे कही पर भी रोजगार कर सकते हैं. हर महीने 30 रुपए तक की कमाई के लिए आप मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र से जुड़ सकते हैं.
शुल्क और प्रोसेसिंग फी खत्म
सरकार ने नए बदलाव के तहत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र के लिए लगने वाली शुल्क और प्रोसेसिंग फी को खत्म कर दिया है. इसके अलावा इस योजना के तहत दवाई की दुकान खोलने के लिए सरकार की तरफ से पहले ही लाभार्थी को 2.5 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है. यानी आप यदि मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो आपको किसी तरह का निवेश करने की जरूरत नहीं है. दरअसल केंद्र सरकार देशभर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र के माध्यम से लोगों को सस्ती दवाएं मुहैया कराना चाहती है. इस कारण इस योजना का प्रसार किया जा रहा है. पिछले दिनों देश में 20 हजार से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं.
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार की तरफ से कुछ अर्हताएं निर्धारित की गई हैं. इन अर्हताओं को पूरा करने वाला व्यक्ति जनऔषधि केंद्र का लाभार्थी हो सकता है. इसके तहत तीन कैटेगरी बनाई गई हैं. पहली कैटेगरी के तहत कोई भी बेरोजगार जो फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकता है. दूसरी कैटेगरी के तहत ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप भी जनऔषधि केंद्र के लिए आवेदन कर सकता है. तीसरी कैटेगरी के अंतर्गत राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसी स्टोर खोल सकती है.
यदि आप भी जनऔषधि केंद्र के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास दुकान के लिए कम से कम 120 वर्गफुट कवर्ड एरिया होना चाहिए. यदि सरकार आपके आवेदन पर जनऔषधि केंद्र खोलने की मंजूरी देती है तो सरकार की ओर से आपको 650 से ज्यादा दवाओं के साथ ही 100 से ज्यादा उपकरण बिक्री करने के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे.
मिलेगी 2.5 लाख की सहायता
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए करीब 2.5 लाख रुपए का खर्च आता है. जनऔषधि केंद्र खोलने वालों को सरकार की तरफ से 2.5 लाख रुपए की सरकारी सहायता दी जाएगी. यानी योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलने को किसी प्रकार का निवेश नहीं करना पड़ेगा.
योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलने के लिए पहले आपको 1 लाख रुपए की दवाइयां खरीदनी होंगी. बाद में सरकार की तरफ से इसे महीने के आधार पर रीइंबर्समेंट किया जाएगा. सरकार दुकान शुरू करने में लगने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर यानी रैक, डेस्क आदि के लिए आपको एक लाख तक की मदद करेगी. फर्नीचर में खर्च हुई रकम को सरकार की तरफ से आपको छह महीने में वापस कर दिया जाएगा. जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए कंप्यूटर आदि पर खर्च होने वाले 50 हजार रुपए भी आपको सरकार की तरफ से दिए जाएंगे.
ऐसे मिलेगा सरकार से इंसेटिव
आपकी दुकान से हर महीने जितने रुपए की दवाओं की बिक्री की जाएगी, उस पर आपको 10 फीसदी का इंसेटिव दिया जाएगा. यह इंसेटिव हर महीने अधिकतम 10 हजार रुपए तक होगा. यानी यदि आप एक महीने में एक लाख रुपए से ज्यादा की दवाएं सेल करते हैं तब भी 10 हजार रुपए का ही इंसेटिव मिलेगा. यह इंसेटिव आपको तब तक मिलेगा, जबतक 2.5 लाख रुपए की लिमिट पूरी नहीं हो जाती है.
आप जनऔषधि केंद्र का अप्रूवल मिलने के बाद हर महीने जितने पैसों की दवाएं सेल करेंगे. उस रकम का 20 फीसदी आपको कमीशन के रूप में मिलेगा. इस तरह यदि आपने हर महीने एक लाख रुपए की दवाओं की बिक्री की तो 20 हजार रुपए कमीशन और इंसेटिव मिलाकर आपको कुल 30 हजार रुपए की इनकम हुई. यदि आप दवाओं की बिक्री ज्यादा करते हैं तो आपकी कमाई बढ़ जाएगी.