- नोटबंदी के बाद देश डिजिटल हो रहा है और शहरों में लगातार एटीएम बंद हो रहे हैं।
- इस साल जून से अगस्त तक देशभर में करीब 358 एटीएम बंद कर दिये गये हैं।
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जून में जहां 91 एटीएम को बंद किया है, वहीं अगस्त में पंजाब नेशनल बैंक ने करीब 400 एटीएम को बंद किया है।
नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार एटीएम बंद होने की खबर सामने आ रही है। नोटबंदी के बाद देश डिजिटल हो रहा है और शहरों में लगातार एटीएम बंद हो रहे हैं। एक रिपोर्ट की बात सही माने तो इस साल जून से अगस्त तक देशभर में करीब 358 एटीएम बंद कर दिये गये हैं। यह पहली बार है कि देशभर में लगभग सभी बैंक अपने एटीएम तेजी से बंद कर रहे हैं। नोटबंदी के बाद बैंकों ने शहरों में एटीएम को बंद करना और उसका परिचालन बंद करना शुरू कर दिया है। 59,291 एटीएम के साथ देश में सबसे अधिक एटीएम का जाल एसबीआई का है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जून में जहां 91 एटीएम को बंद किया है, वहीं अगस्त में पंजाब नेशनल बैंक ने करीब 400 एटीएम को बंद किया है।
नोटबंदी के बाद कम हुए एटीएम
वैसे पिछले चार वर्षों में एटीएम में 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है लेकिन नोटबंदी के बाद इस तरह के रूझानों में बदलाव देखा जा रहा है। महज एक साल में ये गिरावट 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बताया तो यह भी जा रहा है कि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक भी एटीएम बंद करने की कतार में शामिल है।
एटीएम को बंद किए जाने के बारे में देश के बैंक एटीएम का बढ़ता खर्च बता रहे हैं बैंकों का कहना है कि मुंबई एयरपोर्ट पर एक एटीएम का खर्च जहां 40,000 तक जाता है वहीं मेट्रो शहरों में कियोस्क के किराए के साथ सिक्योरिटी गार्ड, बिजली के बढ़ते खर्च को वजह बढ़ाया है। एक कियोस्क का खर्च लगभग 30,000 से एक लाख रुपए आ रहा है। जानकारों के मुताबिक स्मार्टफोन की पहुंच से डिजिटल ट्रांजेक्शन में वृद्धि हुई है।