नई दिल्ली (एजेंसीज) : सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने के खिलाफ दायर पिटीशन पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोई राज्य केंद्र के कानून को कैसे चुनौती दे सकता है। अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोई दिक्कत है तो वह इस मामले में खुद पिटीशन फाइल करें। इसके साथ ही SC ने केंद्र को 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने के लिए कहा। टेलिकॉम कंपनियों को भी नोटिस जारी किया है। अब ममता सरकार पिटीशन में जरूरी बदलाव कर इसे दोबार सौंपेगी। बता दें कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि 23 मार्च तक सभी लोग अपने मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करा लें।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने ममता सरकार से पूछा, ”राज्य इस तरह की पिटीशन कैसे फाइल कर सकता है? संघीय ढांचे में कोई राज्य संसद के जनादेश को कैसे चुनौती दे सकता है?”
- इस पर सरकार की ओर से पेश हुए सीनियर वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सफाई देते हुए कहा कि पिटीशन पश्चिम बंगाल के लेवर डिपार्टमेंट की ओर से दायर की गई है।
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बेंच ने सिब्बल से कहा, ”आप हमें समझाएंगे कि राज्य कैसे इसे चुनौती दे सकता है। हम जानते हैं कि यह ऐसा मामला है, जिस पर विचार करने की जरूरत है। केंद्र के किसी फैसले या कानून को इंडीविजुअल चुनौती दे सकता है ना कि राज्य। अगर ममता बनर्जी को दिक्कत है तो वह इंडीविजुअल के तौर पर पिटीशन फाइल करें। हम इस पर सुनवाई करेंगे।”
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बता दें कि केंद्र सरकार पहले सुप्रीम कोर्ट को बता चुकी हैं कि सरकारी योजनाओं में सब्सिडी के लिए आधार को जोड़ना जरूरी है। जिन लोगों के पास आधार नहीं हैं, वे 31 मार्च, 2018 तक आधार लिंक करा सकते हैं। पहले यह समय सीमा दिसंबर, 2017 तक थी।