उल्लेखनीय है कि तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार ने पिछले साल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फूड ऐंड हर्बल पार्क के लिए नोएडा के कादिलपुर और सिलका गांव में साढ़े चार हजार एकड़ जमीन दी थी। अखिलेश यादव ने पिछले साल एक दिसंबर को लखनऊ में पार्क का शिलान्यास भी किया था। नोएडा के औसाफ समेत नौ किसानों ने याचिका दाखिल कर बगैर अनुमति के छह हजार पेड़ काटे जाने का आरोप लगाया है।
इलाहाबाद (एजैन्सेज) : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा में पतंजलि आयुर्वेद को जमीन आवंटन के मामले में योगगुरु और संस्था के निदेशक बाबा रामदेव को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा है। साथ ही यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी से भी विस्तृत हलफनामा तलब किया है। जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अजय भनोट की खंडपीठ ने संबंधित आदेश जारी किए।
नोेएडा में बन रहे फूड एंड हर्बल पार्क के लिए बगैर परमिशन के सैकड़ों पेड़ काटे जाने का आरोप लगाते हुए औसाफ समेत नौ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि किसकी इजाजत से हरे पेड़ काटे गए। पेड़ काटते वक्त सरकारी कर्मचारी और पुलिस कैसे मौजूद थी।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार ने पिछले साल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फूड ऐंड हर्बल पार्क के लिए नोएडा के कादिलपुर और सिलका गांव में साढ़े चार हजार एकड़ जमीन दी थी। अखिलेश यादव ने पिछले साल एक दिसंबर को लखनऊ में पार्क का शिलान्यास भी किया था।
नोएडा के औसाफ समेत नौ किसानों ने याचिका दाखिल कर बगैर अनुमति के छह हजार पेड़ काटे जाने का आरोप लगाया है। हालांकि राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी ने जवाब दाखिल कर कोर्ट को बताया है कि उन्होंने पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी। जो जमीन बाबा रामदेव की कंपनी को दी गई, वह पहले कई किसानों को 30 साल के पट्टे पर दी गई थी। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 14 नवंबर तय की गई है।