देहरादून (एजेंसीज) : देवबंदी एक मौलाना ने हास्यस्पद दावा किया है की सदियों पहले बद्रीनाथ धाम मुसलामानों का तीर्थस्थल था। यह दावा मदरसा दारुल उलूम के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने किया है। कासमी ने कहा कि सैकड़ों साल पहले बद्रीनाथ धाम बदरुद्दीन शाह या बद्री शाह के नाम से जाना जाता था।
अपने अजीबोगरीब तर्क के साथ मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस धार्मिक स्थल को हिन्दुओं से लेकर मुसलमानों को सौंपा जाए।
मौलाना ने कहा कि ये तीर्थस्थल हिन्दुओं का नहीं हो सकता, मौलाना के मुताबिक बद्री नाम में बाद में नाथ लगाया गया, लेकिन इससे वो हिन्दू नहीं हो जाते। मदरसा दारुल उलूम निश्वाह सहारनपुर में काम करने वाली संस्था है। मुफ्ती अब्दुल लतीफ इस संस्था के वीसी हैं। अब्दुल लतीफ के इस बयान की हिन्दुओं और मुसलमान दोनों ने ही आलोचना की है, और कहा है कि वे बकवास बयान है। रामदेव बोले- इस्लाम को बदनाम कर रहा है