चुनाव चिन्ह की लड़ाई हारे शरद यादव; आयोग का फैसला, JDU का ‘तीर’ शरद नहीं नीतीश के पास रहेगा

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पटना (एजेंसीज) :  जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी खुशखबरी है, चुनाव आयोग ने जदयू के चुनाव चिन्ह तीर पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि चुनाव चिन्ह ‘तीर’ पर शरद यादव का नहीं, बल्कि नीतीश कुमार का हक है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद नीतीश खेमे में खुशी की लहर है।

जदयू नेता औैर पार्टी के महासचिव संजय झा ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि पार्टी के पक्ष में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला दिया है और इस फैसले का गुजरात चुनाव पर बड़ा असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है।

पार्टी के नेता नीरज कुमार ने शरद यादव पर हमला करते हुए कहा कि अब शरद जी लालू-लालू यादव करेंगे। चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुना दिया है, अब शरद यादव क्या करेंगे? दरअसल वो लोगों के बहकावे में आकर बेवजह की जिद पाल लिए थे, अब तेजस्वी और तेजप्रताप के चाचा बनेंगे।

बता दें कि शरद यादव और नीतीश कुमार के गुट ने पार्टी सिंबल पर अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी और फैसला चुनाव आयोग को देना था।

चुनाव आयोग के समक्ष जनता दल यूनाइटेड के दोनों (नीतीश और शरद) गुटों के बीच मंगलवार को घंटों सुनवाई चली थी और उसके बाद चुनाव आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शरद गुट की तरफ से जहां कपिल सिब्बल ने आयोग के सामने पक्ष रखा था, वहीं नीतीश गुट से राकेश द्विवेदी ने इस मामले की वकालत की थी, सोमवार को जहां शरद गुट की तरफ से सुनवाई हुई तो वहीं मंगलवार को नीतीश गुट ने अपना पक्ष चुनाव आयोग के समक्ष रखा था।

सोमवार को घंटों चली इस सुनवाई में शरद गुट इस बात को तो मानने के लिए तैयार हुआ कि जेडीयू के अधिकांश सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं, लेकिन वो पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति और राष्ट्रीय परिषद के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।

शरद गुट ने नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं मानते हुए 2013 में बनी पार्टी कार्यसमिति को ही वैध मान रहा है, जिसमें कुल 1098 सदस्य थे। वहीं चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 10 अप्रैल 2016 को शरद यादव के नेतृत्व में हुई जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थता जताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ाया था।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दर्ज जानकारी के मुताबिक, 23 अप्रैल 2016 को नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने अक्टूबर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की, जिसमें शरद यादव सहित कुल 195 लोगों के नाम शामिल हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी में से 138 लोगों का समर्थन नीतीश कुमार को प्राप्त है, जो कि हलफनामे के साथ चुनाव आयोग को सौंपा गया था।

 

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