देहरादून (संवाददाता) : उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने प्रदेश में ऐसे मदरसों को चिह्नित किया है जहां शौचालय नहीं हैं। शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी मदरसों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से 297 मदरसा मान्यता प्राप्त हैं। शौचालय बिहीन राज्य के 150 मदरसों की मान्यता पर तलवार लटक गई है।
देशभर में स्वच्छता की अलख जगाने को केंद्र सरकार की ओर से कई बार शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया। खुले में शौच न हो, इसके लिए अभियान भी चलाया गया। गांव से लेेकर शहरों में शौचालय बनाने के लिए केंद्र की ओर से कई प्रकार की पहल की जा रही है। केंद्र की पहल पर मदरसों में भी शौचालय बनाने के प्रस्ताव पर आजतक कई मदरसों ने खासा रुचि नहीं दिखाई। ऐसे मदरसे अब शिक्षा विभाग के निशाने पर हैं।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के निदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने कहाकि भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रस्ताव पर मौलाना आजाद फाउंडेशन की ओर से राज्य में चल रहे मदरसों में शौचालय निर्माण को लेकर मदद की पेशकश की गई है। बावजूद इसके मदरसों ने इस प्रस्ताव पर कोई सकारामत्मक कदम नहीं उठाया है। जिसके बाद ऐसे मदरसों को अब नोटिस भेजा जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मदरसों ने शौचालय बनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर को सही नही किया तो मदरसों की मान्यता रद की जा सकती है।
सितंबर में हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में इस ओर निर्णय भी लिया जा चुका है। बोर्ड बैठक में जिन मदरसों में शौचालय के अलावा अवस्थापनाओं का विकास नही होगा उनकी मान्यता पर फिर से विचार किया जाएगा। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के उप रजिस्ट्रार अखलाक अहमद ने बताया कि प्रदेश में 150 मदरसों को शौचालय नही होने पर नोटिस भेजे जा रहे हैं।