बोहरा समुदाय की मुस्लिम महिलाओं की मोदी से गुहार-बंद करवाएं लड़कियों का खतना। 

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नई दिल्ली (एजेंसीज) : दाऊदी बोहरा समुदाय की कई महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लड़कियों के खतना (फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन) को गैरकानूनी करार देने के लिए मदद की गुहार लगाई है। इन महिलाओं ने खतना के खिलाफ एक प्रचार अभियान चलाया है। 19 नवंबर को वल्र्ड डे फॉर प्रीवेंशन ऑफ चाइल्ड अब्यूस के अवसर पर वी स्पीक आउट बैनर तले इस ऑनलाइन कैंपेन की शुरुआत की गई है। देश में खतना के खिलाफ कोई कानून नहीं है। हालांकि अन्य देशों में भी लड़कियों का खतना होता है, लेकिन वह केवल एक निवारण के तौर पर किया जाता है। बोहरा समुदाय की महिलाओं ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार को कम से कम राज्य सरकारों और बोहरा सय्यदनाओं को एक एडवाइजरी जारी कर खतना को आईपीसी और पोस्को एक्ट के तहत अपराध घोषित करने के लिए कहना चाहिए।

वहीं खतना भी पोस्को एक्ट के तहत यौन उत्पीडऩ को परिभाषित करती है। इस मुद्दे को महिला व बाल विकास मंत्रालय भी पहले उठा चुका है, जिसमें यह वादा किया गया था कि देश में खतना प्रथा को बैन कर दिया जाएगा, लेकिन मंत्रालय के वादे केवल वादे रह गए जिसके कारण बोहरा समुदाय की महिलाओं ने इसके खिलाफ कैंपेन चलाया है।

इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि खतना यौन हिंसा का ही एक प्रकार है जो एक व्यस्क महिला या लड़की के जीवन में गहरे भावात्मक, यौन और शारीरिक परिणाम डालते हैं। अब समय आ गया है कि इस हानिकारक प्रथा को खत्म कर दिया जाए जो कि महिलाओं और लड़कियों को केवल दर्द देने का काम करती है। इस अभियान में शामिल मासूमा रानाल्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिफारिश की है कि इस प्रथा को गैरकानूनी करार देते हुए खत्म किया जाए। इससे पहले भी बोहरा समुदाय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर खतना को बैन करने की मांग कर चुका है।

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