नैनीताल। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह कांग्रेस भवन स्वराज आश्रम लाया गया। आश्रम में पार्थिव शरीर को लोगों के दर्शनार्थ रखा गया। जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी मदन कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तौलिया, डीएफओ पराग डॉ. मधुकर धकाते समेत श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। श्रद्धांजलि देने के लिए निरंतर लोगों का पहुंचना जारी है। अंतिम दर्शन के बाद रानीबाग चित्रशिला घाट के लिए शवयात्र निकाली जाएगी। जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश दिल्ली में पार्टी की बैठकों में हिस्सा लेने पहुंची थी। जहां प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व सीएम हरीश रावत के अलावा अन्य स्थानीय नेता भी थे। जहां उत्तराखंड सदन में अपने कमरे में नेता प्रतिपक्ष का दिल का दौरा पड़ गया। और उनका निधन हो गया। नेता प्रतिपक्ष की मौत की सूचना मिलते ही हल्द्वानी समेत पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर छा गई।
दो बार कैबिनेट मिनिस्टर रहते हुए अपनों कामों की वजह से उन्होंने एक अलग पहचान बनाई थी। वहीं, सड़क मार्ग से उनका पार्थिव शव रविवार रात हल्द्वानी पहुंच गया था। रास्ते में जगह-जगह कार्यकर्ताओं ने वाहन रोक उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित भी की। देर रात तक उनके घर में समर्थकों व सामाजिक व अन्य संगठनों के लोगों के आने का सिलिसिला जारी था। कांग्रेस के प्रदेश सचिव मयंक भट्ट ने बताया कि सुबह कुछ देर के लिए पार्थिव शव के दर्शन को स्वराज आश्रम में लाया जाएगा। उसके बाद रानीबाग स्थित चित्रशीला घाट को अंतिम यात्रा रवाना होगी।
इंदिरा के नारों से गूंज उठी सड़क
समर्थकों की भीड़ देख पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी व्यवस्था बनाने में जुटे थे। नैनीताल रोड पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी थी। जिसके बाद पुलिस ने आवास की तरफ बैरिकेड लगा लोगों से पैदल ही आने की अपील की। वहां नेता प्रतिपक्ष जिंदाबाद-अमर रहे के नारे सड़क तक गूंज रहे थे।