नैनीताल: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) शनिवार को श्रीहरिकोटा से होने जा रहे आदित्य एल-वन लांचिंग का सीधा प्रसारण दिखाएगा। इस अवसर पर एरीज में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एरीज के निदेशक व आदित्य एल-वन के आउटरीच के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि इस मिशन में एरीज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम आदित्य-एल-वन सपोर्ट सेल का कार्य करेंगे।
भारत का पहला सौर मिशन है आदित्य एल वन
आदित्य एल वन (Aditya L1) भारत का पहला सौर मिशन है। इसका उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। सूर्य से मिलने वाले प्रकाश और वहां होने वाले गतिशील परिवर्तन और विस्फोटक घटनाओं पर भी नजर रखी जाएगी। अंतरिक्ष में एल वन लेग्रैंज बिंदु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां तक पहुंचने में आदित्य-एल वन को लगभग चार महीने लगेंगे।
हल्द्वानी में आदित्य एल वन सपोर्ट सेल किया गया स्थापित
इसरो की सहायता से आदित्य एल वन (Aditya L1) सपोर्ट सेल हल्द्वानी में स्थापित किया जा चुका है। मिशन लांचिंग के दौरान एरीज में एक जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कई विद्यालयों के छात्र और शिक्षक हिस्सा लेंगे। आसमान साफ होने पर दूरबीन से ‘सौर धब्बे’ भी दिखाए जाएंगे। विद्यार्थियों के विज्ञानियों से बातचीत व प्रश्नोत्तर भी आयोजित किया जाएगा।
चंद्रयान-3 की साफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण भी गया था दिखाया
बता दें कि भारतीय मून मिशन ‘चंद्रयान-3’ की ऐतिहासिक साफ्ट लैंडिंग को लेकर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) में शोध छात्र को विक्रम लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाया गया था। लाइव प्रसारण के दौरान इसरो के व तमाम वैज्ञानिक मौजूद रहे। एरीज आमजन व स्कूली बच्चों के लिए भी कार्यक्रम आयोजित करना चाहता था, लेकिन भारी वर्षा के रेड अलर्ट के मद्देनजर यह संभव नहीं हो सका था।