आधुनिक चूल्हा से शुरू हो रही महिला व पर्यावरण के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार की मुहिम

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नैनीताल। जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांवों में महिला स्वास्थ्य में सुधार तथा पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों के उचित व सतत उपयोग के लिए सेंट्रल हिमालयन इनवायरमेंट एशोसिएशन चिया की ओर से स्वच्छ ऊर्जा समाधान परियोजना का संचालन किया जा रहा है । एडीबी कर्मचारी समुदाय निधि पोषित परियोजना में आधुनिक चूल्हे उपलब्ध कराए जा रहे हैं । इस आधुनिक चूल्हे में कहीं भी, तेजी से और कम धुएं में भोजन पका सकते हैं। आधुनिक चूल्हा 42 फीसद तक ज़हरीले  धुएं का उत्सर्जन कम करता है।  57 फीसद कम ईंधन का उपयोग, समय व जलौनी की बचत लकड़ी को जलाने में मदद करता है।

स्वच्छ ऊर्जा समाधान परियोजना के माध्यम से गैर सरकारी संगठन चिया ने अभिनव मुहिम शुरू की है। खुर्पाताल न्याय पंचायत अंतर्गत खुर्पाताल,  खमारी, थापला, जलालगांव आदि में संचालित इस परियोजना के तहत महिला स्वास्थ्य में सुधार के लिए ऊर्जा सक्षम आधुनिक चूल्हों का विकल्प प्रदान करने के साथ ही पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों के उचित व सतत उपयोग के लिए ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है। सघन वनों से घिरे इन गांवों में मध्यम वर्ग के परिवारों में  महिलाएं परंपरागत तरीके से मिट्टी के चूल्हे में ही भोजन तैयार करती हैं। इसमें लकड़ी ही ईंधन का मुख्य स्रोत है। धुएं की वजह से महिलाओं को बीमारियां भी हो जाती हैं।

चिया के सुरेंद्र भंडारी व कुंदन बिष्ट के अनुसार परियोजना के अंतर्गत ग्रामीणों के माध्यम से वानिकी व फलदार पेड़ों का भी वन पंचायत व सामुदायिक भूमि में पौधरोपण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बॉस निर्मित ऊर्जा सक्षम आधुनिक चूल्हों का सिर्फ 15 फीसद अंशदान देकर ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। 

इस चुल्हे की विशेषता पारंपरिक चूल्हे से कहीं बेहतर है। आधुनिक चुल्हे के साथ कहीं भी तेजी से और कम धुएं के साथ भोजन पका सकते हैं। आधुनिक चूल्हा 42 फीसद तक जहरीली गैस का उत्सर्जन कम करता है। साथ ही 57 फीसद कम ईधन का उपयोग, समय, लकड़ी की बचत, लकड़ी आसानी से जलाने में मदद करता है। जिस कारण परंपरागत चुल्हे के कारण रसोई घर में होने वाले प्रदूषण की मात्रा में कमी आती है। जिसका सीधा प्रभाव महिलाओं के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

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