जौलजीबी : दो साल बाद हो रहे जौलजीबी मेले में दो वर्षों से भारत-चीन व्यापार नहीं होने का असर साफ नजर आया है। जिसके चलते तिब्बत चीन का सामान नहीं के बराबर है। मेले में भारत और नेपाल की ही वस्तुएं ही नजर आ रही हैं।
जौलजीबी मेले में विगत वर्षो तक सबसे अधिक आकर्षण भारत चीन व्यापार के दौरान तिब्बत से लाई गई वस्तुएं आकर्षण का केंद्र रहती थी। भारत चीन व्यापार 31अक्टूबर को समाप्त होता था। भारतीय मंडी गुंजी से भारतीय व्यापारी चीन से आयातित सामान जिसमें सबसे अधिक जैकेट, शर्ट व अन्य वस्त्र, जूते आदि रहते थे उन्हें लेकर सीधे जौलजीबी मेले में पहुंचते थे। तिब्बत चीन व्यापार से आयातित यह सामान मेलार्थियों की पहली पंसद होती थी।
मेले में बिकने वाला सबसे अधिक सामान यही रहता था। कोविड के चलते वर्ष 2020 और 2021 में भारत चीन व्यापार नहीं हो पाने के कारण इस वर्ष चीनी सामान नहीं के बराबर है। बीते वर्षों में व्यापारियों के पास शेष पड़ा काफी कम मात्रा में यह सामान है। जिसके चलते मेले में लगी दुकानों में इस बार भारत का ही सामान है। जो थोड़ा बहुत सामान आया है वह भी वाया काठमांडू से पहुंचा है। जिसके चलते इस बार ड्रेगन भारी पडऩे वाला नहीं है।
दूसरी तरफ दो दिन बाद नेपाल में भी मेला प्रारंभ हो जाएगा। नेपाल की दुकानों की स्थिति तभी स्पष्ट होगी । भारतीय भू भाग में भारत चीन व्यापार से लाए जाने वाले सामान की कमी भी मेले में अखर सकती है जिससे व्यापार भी कम होने का अंदेशा है।
हुमला-जुमला के घोड़ों को लेकर भी संशय
जौलजीबी मेले में नेपाल में बिकने आने वाले हुमला-जुमला के घोड़े भी आकर्षण का केंद्र रहते हैं। नेपाल में काली नदी किनारे घोड़ों का बाजार लगता है। इन घोड़ों के खरीददार भारतीय होते हैं। कुमाऊं मंडल के विभिन्न स्थानों से घोड़े खरीदने के लिए लोग पहुंचते हैं। घोड़ों को काली नदी तैरा कर भारत लाया जाता है। अभी नेपाल से घोड़ों के आने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। हुमला जुमला से घोड़े वाले चार पांच दिन चलने के बाद घोड़ों के साथ नेपाल के जौलजीबी पहुंचते हैं।
नेपाल में कल होगा उद्घाटन
नेपाल में मेले का शुभारंभ मंगलवार को होगा। मंगलवार को संक्रांति होने के कारण उसी दिन से मेले में रौनक भी बढ़ जाएगी। भारत नेपाल की स्थानीय जनता संक्रांति से ही मेले में प्रतिभाग करती है।
जड़ी ,बूटी और काष्ठ कला के स्टाल बने आकर्षण का केंद्र
जौलजीबी मेले में लगे स्टालों में उच्च हिमालयी जड़ी बूटी और स्थानीय काष्ठकला के स्टाल आकर्षण का केंद्र बने हैं। इसके अलावा ऊनी वस्त्र व अन्य स्थानीय उत्पादों के स्टाल भी मेलार्थियों को लुभा रहे हैं। सीएम पुष्कर धामी ने सभी स्टालों का निरीक्षण कर जानकारी हासिल की।
पहुंचने लगे हैं व्यापारी
जौलजीबी मेले में व्यापारी पहुंचने लगे हैं। अधिकांश दुकानों में सामान सज चुका है और सामान पहुंंचने लगा है। सोमवार तक सभी दुकानें सज जाएंगी।
मेले के शुभारंभ पर ये रहे मौजूद
भाजपा जिलाध्यक्ष विरेंद्र वल्दिया, ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, पालिकाध्यक्ष राजेश्वरी देवी, ग्राम प्रधान जौलजीबी पुष्पा देवी,जिपं सदस्य गंगोत्री दताल, भाजपा जिला महामंत्री बीएल जोशी, महिमन कन्याल, व्यापार मंडल संरक्षक शकुंतला दताल, व्यापार संघ अध्यक्ष धीरेंद्र धर्मशक्तू, स्वामी विरेंद्रानंद, पूर्व चेयरमैन अशोक नबियाल, क्षेपंस महें्रद्र बुदियाल,लीला बंग्न्याल,अनवाल समाज के अध्यक्ष गुमान सिंह बिष्ट आदि।