इस साल अब तक कुमाऊं में दहेज के लिए हुआ 28 महिलाओं का कत्ल

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हल्द्वानी  : यूं तो मानव समाज व सभ्यता के समक्ष कई सारी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। इनमें से एक चुनौती ऐसी है, जिसका कोई भी तोड़ अभी तक समर्थ होता नहीं दिख रहा है। विवाह संस्कार से जुड़ी हुई यह सामाजिक विकृति दहेज प्रथा है। कुमाऊं में दहेज के लिए वर्ष 2021 में अब तक 28 महिलाओं का कत्ल कर दिया गया है।

अक्सर विवाह के बाद बेटियों पर जुर्म होने लगता है। अब तक थाना, चौकियों में दर्ज हो रहे मामलों में यह बात सामने आई है कि कम दहेज देने के कारण ससुराली उत्पीडऩ करते हैं। कई महिलाएं समाज की वजह से चुप्पी साध लेती हैं। जबकि सैंकड़ों मामले महिला सेल में प्रगति पर हैं।

 

पूरे कुमाऊं की बात की जाए तो कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां दहेज के लिए महिलाओं की हत्या न हुई हो। पति-पत्नी के बीच विवाद के बाद महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऊधमसिंह नगर में सबसे अधिक 18 व नैनीताल में पांच महिलाओं की हत्या दहेज के कारण हुई। वर्ष 2020 में दहेज हत्या का आंकड़ा 24 था। जबकि इस बार यह 28 पहुंच चुका है।

तीन साल में दहेज के लिए हुई हत्या

वर्ष नैनीताल अल्मोड़ा पिथौरागढ़ बागेश्वर चम्पावत यूएसनगर

2019 4 1 3 3 1 15

2020 5 0 0 1 0 18

2021 5 1 1 1 2 18

पहाड़ के तीन जिले 2020 में थे सुरक्षित

पहाड़ के तीन जिले 2020 में महिलाओं के लिए सुरक्षित थे। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व चम्पावत में एक भी महिला की दहेज हत्या नहीं हुई थी। डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। दहेज हत्या के सभी आरोपित जेल में बंद हैं।

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