उत्तरकाशी के हटाए जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई

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नैनीताल : हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की बर्खास्तगी को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। सरकार की ओर से इस मामले में शपथपत्र दायर कर कहा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से बिना कार्यों का करोड़ों का भुगतान कर दिया गया, बाद में जो काम शुरू किए गए, शिकायत की जांच होने के बाद किए गए, इससे अपराध कम नहीं होता।

कोर्ट ने इस मामले में सरकार के शपथ पत्र पर प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश जिला पंचायत अध्यक्ष को दिए हैं जबकि शिकायतकर्ता जिला पंचायत सदस्य आनंद सिंह राणा, हाकम सिंह के अलावा देहरादून के कुंवर जपेंदर सिंह ने हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र दायर कर याचिका में पक्षकार बनाने की प्रार्थना की है, इस प्रार्थना पत्रों पर जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल करने की तैयारी है।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने बर्खास्तगी को चुनौती देती याचिका में कहा गया है कि कुछ सदस्यों ने उन पर करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। मुख्यमंत्री ने प्रकरण की जांच के लिए सचिव पंचायत राज को निर्देशित किया।

सचिव जिला पंचायत ने इसकी जांच जिलाधिकारी उत्तरकाशी से कराई तो जांच रिपोर्ट में अनियमितता की आंशिक पुष्टि हुई। इसके बाद सरकार ने 21 जून 2021 को कमिश्नर गढ़वाल से जांच कराई। अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। पहली अक्टूबर 2021 को अध्यक्ष ने जवाब दाखिल कर कहा कि उन्होंने कोई वित्तीय अनियमितता नहीं की है। जांच एजेंसी की ओर से नियमावली का पालन नहीं किया गया। जबकि शिकायतकर्ता का कहना था कि अध्यक्ष ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया है। करोड़ोें के फर्जी निर्माण कार्य दिखाए गए हैं। मजदूरों के फर्जी मस्टर रोल भरे गए हैं। इन शिकायतों के आधार पर सात जनवरी 2022 को जिला पंचायत अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मामला सुनने के बाद यह मामला फिर हाई कोर्ट भेजा।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि अनियमितता आंशिक व अत्यधिक नहीं होती। आंशिक अनियमितता से अपराध कम नहीं होता। कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम रोक आगे बढ़ाते हुए अगली सुनवाई 21 नवंबर नियत कर दी।

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