रानीखेत। दिल्ली के निजामुद्दीन में 13 से 15 मार्च के बीच तब्लीगी मरकज में शामिल छह लोगों की तेलंगाना में मौत के बाद देशभर हड़कंप मचा हुआ है। तब्लीगी मरकज में शामिल हुए लोग देश के कई राज्यों में पहुंचे हैं। इनके उत्तराखंड में भी आने की सूचना थी। फिलहाल उत्तराखंड के रानीखेत में पहुंचे चार लोगों को चिन्हित कर उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है। उनसे मिलने-जुलने वाले लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। प्राथमिक स्वस्थ्य परीक्षण में उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं।
हाल ही में दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तब्लीगी मरकज में शामिल हुए छह लोगों की कोरोना वायरस से संक्रमण के चलते तेलंगाना में मौत हो गई। तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले लोग देश के कई प्रदेशों में पहुंचे हैं। ऐसे में इनसे कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा है। ये लोग चलते -फिरते मानव बम बन चुके हैं। प्रदेश सरकारों को इनको ढूंढकर क्वारंटाइन करना बडा चैलेंज बन चुका है। उत्तराखंड के रानी खेत में फिलहाल तब्लीगी मरकज में शामिल होने वाले चार लोगों को चिन्हित उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। एसडीएम अभय प्रताप ने बताया कि चारों में फिलहाल कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर इन्हें कोटोनटाइन किया गया है। लगातार निगरानी भी रखी जाएगी।
पर्यटन नगरी रानीखेत मो. सज्जाद पुत्र मो. सबरुर व अब्दुल करीम पुत्र पनाउल्ला हाल निवासी जामा मस्जिद, मो. यासिद पुत्र मोइसिन खड़ी बाजार व मो. तबीब पुत्र मो. शमसाद हाल निवासी सरना गार्डन दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में शामिल होने पहुंचे थे। 16 मार्च को सभी वापस भी आ गए। हरकत में आई कोतवाली पुलिस ने चारों लोगों से पूछताछ कर डाटा जुटाया। बाद में गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय में चिकित्सकों ने चारों के स्वास्थ्य का परीक्षण भी किया। चारों लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर उन्हें चिलियानौला स्थित सरकारी गेस्ट हाउस में कोरोनटाइन किया गया है। चिकित्सकों के अनुसार चारों की लगातार मॉनिटरिंग भी की जाएगी।