उत्तराखंड के सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों में 2022 से नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे। कुमाऊं विवि को राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा दिया गया है। विवि ने पाठ्यक्रम को फाइनल टच दे दिया है। नई नीति के अनुसार छात्रों को अंक के स्थान पर क्रेडिट प्रदान किए जाएंगे। पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में स्नातक, स्नातकोत्तर का एक पाठ्यक्रम लागू होगा।
विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अनुसार अध्ययन व शोध की उलटी गिनती शुरू हो गई है। शासन ने कुमाऊं विवि को पाठ्यक्रम तैयार करने का जिम्मा दिया था। विभागाध्यक्षों के निर्देशन में पाठ्यक्रम को फाइनल टच दिया जा चुका है। नए पाठ्यक्रम में मेजर व माइनर प्रश्न पत्र के साथ ही स्किल डेवलपमेंट, वोकेशनल कोर्स को महत्ता दी गई है।
यदि कोई छात्र एक साल पढ़ाई के बाद ब्रेक लेना चाहेगा तो उसे सर्टिफिकेट कोर्स, दो साल बाद डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। स्नातक में तीन साल लगातार अध्ययन पर ग्रेजुएशन डिग्री जबकि तीन साल अध्ययन के बाद एक साल और अध्ययन पर ग्रेजुएशन विद रिसर्च की डिग्री प्रदान की जाएगी। लगातार चार साल बीएससी करने पर चौथा साल एमएससी का पहला साल माना जाएगा। मास्टर कक्षाओं के कोर्स के बाद छात्र को पीएचडी में सीधे प्रवेश मिलेगा।
कुमाऊं विवि के इंटेलेक्चुअल क्वालिटी इंश्योरेंस सेल के निदेशक प्रो राजीव उपाध्याय के अनुसार नई शिक्षा नीति के प्रभावी होने के बाद छात्र-छात्राएं स्नातक या स्नातकोत्तर में एक या दो साल पढ़ाई के बाद ब्रेक ले सकते हैं, फिर निश्चित समयावधि के बाद वापस वहीं से पढ़ाई शुरू कर सकते हैं। यही नहीं यदि कोई छात्र अपने विवि से दूसरे शहर के या राज्य के विवि में एक दो साल पढ़ाई के बाद जाना चाहता है तो उसे क्रेडिट अंक देेकर आसानी से अनुमति दे दी जाएगी। दूसरे विवि को उसका एडमिशन करना होगा। हर क्लास में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम क्रेडिट जरूरी होगा। प्रश्नपत्र के अंकों से क्रेडिट निकालने का फार्मूला तय है।
कुमाऊं विवि ने नैक ग्रेडिंग को लेकर तैयारी तेज कर दी है। प्रो उपाध्याय के अनुसार अब तक दो रिपोर्ट नैक को भेजी जा चुकी हैं, जिसे मंजूरी के बाद अब पिछले पांच साल की डिटेल रिपोर्ट तैयार कर अपलोड करनी है। जिसके बाद नैक की टीम मूल्यांकन व परीक्षण के लिए विवि आएगी।