उत्तराखंड में अब आईएसआई प्रमाणित हेलमेट अनिवार्य, वरना भरना होगा एक हजार जुर्माना

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नैनीताल : उत्तराखंड में चालान से बचने के लिए लोकल और सस्ता हेलमेट पहनकर चलने वाले अब सावधान हो जाएं। सड़क परिवहन मंत्रालय के मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194-डी में हुआ बदलाव अब उत्तराखंड में भी लागू कर दिया गया है। जिसके मुताबिक हेलमेट का आईएसआई प्रमाणित होना जरूरी है। अगर आप आईएसआई मार्क हेलमेट नहीं पहनते हैं तो आपको एक हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके साथ ही अबत आपने हेलमेट बेल्ट काे बांधा नहीं है तो भी एक हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।

बच्चों के साथ हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

मोटर व्हीकल एक्ट के संशोधत नियमों के मुताबिक अब दोपहिया वाहन पर बच्चों को ले जाते समय उनके लिए स्पेशल हेलमेट और हार्नेस बेल्ट का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह बेल्ट बच्चों को चलते बाइक-स्कूटर पर गिरने से रोकती है। अगर वाहन पर बच्चों को ले जा रहे हैं तो वाहन अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक ही चला सकते हैं। इससे अधिक स्पीड होने पर एक हजार रुपये जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है।

हेलमेट को लेकर सीपीयू की सख्ती का दिखा असर

प्रदेश में हेलमेट को लेकर सीपीयू की सख्ती का असर नजर आया है। बिना हेलमेट हुए हादसों के मामले में उत्तराखंड देश में 19वें स्थान है। जबकि इस मामले में यूपी पहले, महाराष्ट्र दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में हुए हादसों में हेलमेट न होने पर दोपहिया संचालक 103 लोगों की मौत हुई और 90 लोग घायल हुए। जबकि दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट पीछे बैठने के मामले में 74 लोगों की मौत हुई और 74 घायल हुए। सीट बेल्ट न पहनने पर हुए हादसों में उत्तराखंड की देश में 18वीं रैंक है। इस मामले में यूपी पहले, एमपी दूसरे और राजस्थान तीसरे नंबर पर है।

सड़क हादसों में जान गंवाने के मामले में उत्तराखंड 22वें स्थान पर

सड़क हादसों में जान गंवाने के मामले में उत्तराखंड 22वें स्थान पर है। जबकि सड़क हादसों में सर्वाधित मौतों के मामले में पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश और दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी सड़क हादसों की रिपोर्ट के मुताबिक हादसों की बात करें तो उत्तराखंड, पूरे देश में 23वें स्थान पर जबकि तमिलनाडु पहले, मध्य प्रदेश दूसरे और उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क हादसे शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच हुए हैं।

2016 से 2020 तक उत्तराखंड में हुए सड़क हादसे

परिवहन मंत्रालय 2016 से 2020 तक हुए सड़क हादसों की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक, उत्तराखंड में 2016 में 1591, 2017 में 1603, 2018 में 1468, 2019 में 1352 और 2020 में 1041 हादसे हुए। देश में उत्तराखंड की रैंक 2016 में 24वीं, 2017 में 16वीं, 2018 में 24वीं, 2019 में 24वीं और 2020 में 23वीं आई है। हिमाचल प्रदेश की रैंक 22वीं है।

इस समय हो रहे सर्वाधिक हादसे

उत्तराखंड में सर्वाधिक सड़क हादसे शाम को हो रहे हैं। 2020 में उत्तराखंड में शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच सबसे ज्यादा 198 हादसे हुए। दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे के बीच 188, दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच 185, सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे के बीच 124, रात को नौ बजे से 12 बजे के बीच 119 हादसे हुए। सबसे कम 20 हादसे रात 12 बजे से तीन बजे के बीच हुए।

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