नैनीताल : उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने राजकीय विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण नहीं होने पर आक्रोश जताया है। महासंघ ने विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 20 दिसंबर को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।
संगठन ने शासन को पत्र भेजकर कर्मचारियों की शासन एवं विश्वविद्यालय स्तरीय मांगों के निस्तारण की मांग की गई है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुलपति की नियुक्ति नहीं करने तथा और विश्वविद्यालय में कुलसचिव द्वारा एकतरफा कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने व राज्य के कई अन्य विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक विवाद की स्थिति पैदा होने पर चिंता व्यक्त की है।
महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह, पूर्व अध्यक्ष भूपाल सिंह करायत, महामंत्री मुक्त लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि राज्य में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से विश्वविद्यालयों में कार्य व्यवस्था में नए परिवर्तन हो रहे हैं। राजकीय विश्वविद्यालयों में दीर्घावधि से 15 सौ से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं, जिनमें नियुक्ति करने की मांग संगठन द्वारा बार-बार की जा रही है परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी की भांति स्टाफिंग पैटर्न लागू करने एवं पदोन्नति की प्रक्रिया की सुनिश्चित करने की मांग प्रबल रूप से उठाई जाती रही है, राज्य कर्मचारियों हेतु जारी शासनादेश को विश्वविद्यालय में भी लागू किए जाने, विश्वविद्यालयों में गोल्डन कार्ड सेवा दिए जाने, कार्यरत तकनीकी एवं एकल संवर्गीय कर्मचारियों के हितार्थ व्यवस्था व्यवस्था बनाए जाने, सहायक कुलसचिव के पदों पर विश्वविद्यालय कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान किए जाने एवं नवीन शिक्षा नीति के व्यवस्थित संचालन हेतु कर्मचारियों को समय पर प्रशिक्षण दिए जाने की भी मांग शासन से की जाती रही ह, इसका निस्तारण किया जाना आवश्यक है।
कार्यकारी अध्यक्ष दीपक कुमार सुंदरियाल एवं कार्यकारी महामंत्री प्रशांत मेहता ने बताया कि संगठन की कार्यकारिणी के बैठक में उपस्थित राज्य भर के विश्वविद्यालयों के कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण न होने की स्थिति में आगामी 20 दिसंबर को राज्य भर के समस्त विश्वविद्यालयों के कर्मचारी एक दिवसीय कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे।