हल्द्वानी : सोमवार देर रात सुशीला तिवारी अस्पताल में हुआ बवाल अब भी नहीं थमा। मारपीट में गंभीर रूप से घायल तीमारदारों के समर्थन में एसडीएम कोर्ट पहुंचे लोगों ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की बतमीजी से यह पूरा विवाद खड़ा हुआ है। ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व में भी कई बार जूनियरों चिकित्सकों की वजह से एसटीएच अखाड़ा बन चुका है। वहीं, आक्रोशित लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर निष्पक्ष जांच की बजाय हर बार की तरह एक तरफा कार्रवाई हुई तो सड़कों पर उतरा जाएगा।
डहरिया निवासी योगेश मौर्य अपने पिता की तबीयत बिगडऩे पर उन्हें लेकर सोमवार को एसटीएच पहुंचे थे। जहां इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों ने मरीज से कहा कि वो चलकर दिखाएं। जिस पर योगेश ने कहा कि लगातार चक्कर आने की वजह से पिता चल नहीं सकते। बस इसी बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया। सूचना पर योगेश के साथी चिकित्सक से वार्ता करने को पहुंचे तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए।
मारपीट में तीमारदार मनोज व उमेश को जमकर चोट आई। लेकिन उपचार की बजाय दो घंटे तक उन्हें गार्ड रूम में बैठाकर प्रताडि़त किया गया है। वहीं, सोमवार देर रात ही पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया। इधर, कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बुधवार सुबह लोग एसडीएम कोर्ट पहुंच गए। यहां प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंप कहा कि मामले की सही जांच नहीं करने पर आंदोलन होगा।