राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता। अक्सर चुनाव का समय करीब आने पर यह उक्ति चरितार्थ होती है। ताजा मामला नैनीताल से भाजपा के विधायक रहे संजीव आर्य का है। साढ़े चार साल पहले कांग्रेस की खस्ता हालत और मोदी लहर देख पिता यशपाल आर्य के साथ संजीव ने भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा से ही नैनीतल सीट से टिकट मिला। तब कांग्रेस की सिटिंग एमएलए सरिता आर्य को हराकर पहली बार विधायक चुने गए। साढ़े चार साल तक भाजपा के ही बैनर तले नैनीताल की जनता के बीच रहे। तब तक सब कुछ बेहतर था।
बीते कुछ दिनों पहले समीरण बदला। हवा का रुख भांपते हुए भाजपा छोड़कर पिता यशपाल आर्य के साथ पुन: कांग्रेस में वापसी की। वापसी के बाद पहली बार नैनीताल में कांग्रेस की बैठक में भाग लेने पहुंचे। जहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा के साढ़े चार साल के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल बताया। कहा कि डबल इंजन पर भरोसा जताकर भाजपा का दामन थामा था। मगर बेरोजगारी, महंगाई, पलायन समेत तमाम मुद्दों पर भाजपा सरकार का कार्यकाल फेल रहा। विकास नहीं होने की टींस के कारण ही उन्हें पार्टी छोडऩी पड़ी।
कांग्रेस पर्यवेक्षक चेतन चौधरी ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक बुलाई थी। इस दौरान पूर्व विधायक संजीव आर्य भी कांग्रेस में वापसी करने के बाद पहली बार नैनीताल पहुंचे। जहां उनका पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। जिसके बाद कांग्रेस पर्यवेक्षक चेतन चौधरी ने कर आगामी चुनाव को लेकर अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कांग्रेस के पास महंगाई, महिला अपराध, किसान कानून समेत तमाम मुद्दे हैं। भाजपा सरकार की विफलताओं को कार्यकर्ताओं को जन-जन तक पहुंचने की जरूरत है। आगामी चुनाव को लेकर कार्यकर्ता गांव गांव जाकर लोगों को कांग्रेस की रीति नीतियों से अवगत कराएं। जिससे विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से कांग्रेस जीत हासिल कर सके।