रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व में वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले दैनिक श्रमिकों को कोविड कर्फ्यू में वेतन के लाले पड़े हुए हैं। तीन माह से उन्हें विभाग से कोई वेतन तक नहीं दिया गया है। ऐसे में उनके समक्ष परिवार के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा होने लगा है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व में रामनगर टाइगर रिजर्व व कालागढ़ टाइगर रिजर्व में शामिल है। इन दोनों जगह में करीब पांच सौ दैनिक श्रमिक संविदा पर कार्यरत है। यह श्रमिक 24 घंटे जंगल के घने जंगलों के भीतर वन चौकियों में रहकर वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गश्त करते हैं। इसके अलावा वनाग्रि की रोकथाम में भी अपना पूरा सहयोग देते हैं। इसके बावजूद कालागढ़ टाइगर रिजर्व के करीब दो सौ कर्मचारियों को मार्च, अप्रैल व मई का वेतन तक नहीं मिला है। वह वेतन के लिए परेशान है। लेकिन विभाग में वेतन कब तक मिलेगा यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। ऐसे में वह रोज वेतन मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
दैनिक संविदा आउटसोर्स श्रमिक संघ के शाखा उपाध्यक्ष राजेश कपिल ने बताया कि तीन माह से वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष परिवार चलाने में परेशानी खड़ी होने लगी है। इतना ही नहीं वन चौकियों के भीतर रह रहे कर्मचारियों को राशन तक नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि बजट की कमी की वजह से वेतन खाते में डालने में कुछ देरी हुई होगी। फिर भी वेतन नहीं मिलने की वजह कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ बता पाएंगे। उधर कालागढ़ के डीएफओ किशन चंद्र से उनका मोबाइल रेंज से बाहर होने की वजह से संपर्क नहीं हो पाया।