कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में अवैध निर्माण व पेड़ कटान के प्रकरण की अब विजिलेंस जांच होगी। इस प्रकरण में विभाग के स्तर से अधिकारियों पर दोष निर्धारण के लिए विभाग में ही खींचतान देखने को मिली थी। इस प्रकरण में अलग-अलग स्तर से दो जांच बिठाई गईं, लेकिन नामित दोनों ही अधिकारियों ने जांच से इन्कार कर दिया था। अब शासन ने मामले में विजिलेंस जांच का निर्णय लिया है। अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री आनंद वद्र्धन ने इसकी पुष्टि की है।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में टाइगर सफारी के लिए स्वीकृति से ज्यादा पेड़ों के कटान के साथ ही पाखरो से कालागढ़ तक अवैध निर्माण का मामला इन दिनों चर्चा में है। इस मामले में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने अपनी स्थलीय जांच रिपोर्ट में अवैध पेड़ कटान और भवन निर्माण की शिकायतों को सही पाते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की है। यह प्रकरण दिल्ली हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।