नैनीताल। कांग्रेस के भीतर भले सीएम प्रत्याशी की घोषणा को लेकर एक राय अब भी नहीं बन पाई। मगर पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत का कुमाऊं भ्रमण चुनावी मोड पर है। फेसबुक पोस्ट के जरिये उन्होंने 2017 व 2012 में पार्टी को मिले वोटों की समीक्षा करने के लिए उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के भ्रमण की बात भी कही।
हरदा ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चम्पावत जिले में योजनाबद्ध तरीके से काम करवाया। उसके बावजूद चुनाव में हमें लाभ नहीं मिल सका। हालांकि, 2012 के मत प्रतिशत को 2017 में भी बरकरार रखने में हम कामयाब रहे। मगर चुनाव हार गए। इसलिए मैं भाजपा व कांग्रेस के बीच के वोटों के गैप का तोड़ ढूंढने के लिए निकला हूं। इन क्षेत्रों व कांग्रेस के लिए शायद यह मेरी आखिरी सेवा हो।
पूर्व सीएम हरीश रावत इन दिनों कुमाऊं भ्रमण पर हैं। काशीपुर व खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हरदा ने कहा कि लोगों ने इन कार्यक्रम में मुझसे सवाल किया कि सरकार रहते काशीपुर व खटीमा को जिला नहीं दिया। मगर मैं उनको कैसे समझाता कि नौ नए जिले खोलने की पूरी तैयारी कर चुका था। लेकिन सरकार डगमागने लगी। और मुझे सत्ता भी तब मिली थी जब आपदा से राज्य ग्रस्त हो चुका था। और केंद्र में भी न सुनने वाली सरकार आ गई थी।
इसके बाद एक दूसरी फेसबुक पोस्ट पर हरदा ने लिखा कि फरवरी के आखिरी में गढ़वाल के सीमांत क्षेत्र चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी का भ्रमण करूंगा। मैं इन क्षेत्रों में पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को मिले मतों का आंकलन भी कर रहा हूं। एक-दो जगह छोड़कर पिछले चुनाव में 2012 के वोटों को बचाए रखने में हम कामयाब रहे थे। मगर अन्य विपक्षी दलों को मिलने वाले वोट भाजपा के पक्ष में धु्रवीकरण होने से सीमांत क्षेत्र में हम पराजित हो गए। लेकिन यह बात अलग है कि पार्टी में किसी ने इन तथ्यों का आंकलन नहीं किया।