नैनीताल। कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की अपील पर शुक्रवार को भारत बंद का मिलाजुला असर देखने के लिए मिला। कुमाऊं के ज्यादातर हिस्से में बाजार और दुकानें खुली नजर आईं। वहीं कहीं-कहीं व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में दुकानें बंद रखीं।
रुद्रपुर में तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तजेंद्र सिंह विर्क ने किसानों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ व्यापारियों से आंदोलन के समर्थन में दुकानें बंद करने का आह्वान किया। विर्क ने कहा कि जैसे कोरोना काल में दुकानें बंद थीं, उसी प्रकार कम से कम एक दिन किसानों के समर्थन में दुकानें बंद रखें। किसानों ने कहा कि गाजीपुर बार्डर पर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। इसके बावजूद सरकार मनमानी पर अड़ी है। कानून से किसानों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान होगा। लेकिन सरकार ने कोई रास्ता नहीं निकाला।
पीरूमद्वारा में दिखा भारत बंद का असर
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पीरुमदारा गांव में बाजार बंद रहा। शुक्रवार को कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा राष्ट्रीय व्यापी बंद का आह्वान किया गया था। रामनगर में तो पहले से ही साप्ताहिक अवकाश होने की वजह से दुकानें बंद रहीं । लेकिन पीरूमद्वारा क्षेत्र में दुकानें बंद रही। पीरूमद्वारा में हुई सभा में किसान नेताओं ने केंद्र सरकार से कृषि बिल को वापस लेने के लिए नारेबाजी की। इस दौरान किसान संघ अध्यक्ष दीवान कटारिया, देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक पाल, कुलदीप पहलवान, पूरन शर्मा , नंदू सती, रवि ठाकुर, हरदीप सिंह, कुंदन नेगी, अमन रंधावा, हरप्रीत सिंह मौजूद रहे।