विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन में जहां पेड़ से एक पत्ता गिरने पर भी उसे छेड़ा नहीं जाता, वहां पक्के निर्माण का मामला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों ने नियम ताक पर रखकर पुराने कॉटेज को रिनोवेट करने के नाम पर आरसीसी निर्माण कर डाला। अब शासन के निर्देश पर पीसीसीएफ राजीव भरतरी की ओर से इस मामले की जांच शुरू करा दी गई है। कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक कॉटेज को बंगले का रूप दे दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह बंगला विभाग के ही एक उच्च अधिकारी के आवास के रूप में इस्तेमाल किया जाना था। मामले की शिकायत किसी ने शासन में कर दी।शासन की ओर से पत्र जारी कर पीसीसीएफ राजीव भरतरी को तथ्य की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश प्राप्त हुए। इसके बाद पीसीसीएफ भरतरी की ओर से इस मामले में एपीसीसीएफ परियोजना निदेशक नमामि गगे विजय कुमार व वित्त नियंत्रक जीवन चंद जोशी को जांच सौंप दी है। दो अधिकारियों को शीघ्र जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
आपको बता दें कि वन्य जीवों और प्रकृति के खूबसूरत नजारों के लिए दुनिया के सैलानियों की पहली पसंद कॉर्बेट नेशनल पार्क को बेहद संवेदनशील जोन में रखा गया है। यहां किसी भी प्रकार के निर्माण की मनाही है। यहां कुछ पुराने कॉटेज बने हुए हैं, इनमें एक कॉटेज को वन अधिकारियों ने बिना विभाग की अनुमति के रेनोवेट के नाम पर शानदार बंगले में तबदील कर डाला।
कॉर्बेट के ढिकाला जोन में निर्माण की शिकायत शासन के माध्यम से प्राप्त हुई है। इस मामले में एपीसीसीएफ और वित्त नियंत्रक को जांच सौंपी गई है। शीघ्र ही जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।