नैनीताल: क्रिसमस और न्यू इयर से ठीक पहले नैनीताल आने आले पर्यटकों की मुसीबत बढ़ गई है। कारण नैनीताल में पांच सौ टैक्सी चालकों ने हड़ताल कर दी है। 2017 से पहले खरीदी गई टैक्सियों के परमिट रिन्यूअल करने में परिवहन विभाग की ओर से नैनीताल प्रतिबंधित होने की मुहर लगाने व इस बहाने पुलिस की ओर से टैक्सियों का तीन से पांच हजार तक चालान करने के विरोध में टैक्सी यूनियनों ने हड़ताल तेज कर दी है। गुस्साए टैक्सी संचालक व चालकों ने चिड़ियाघर के लिए संचालित शटल सेवा से भी पर्यटकों को उतार दिया और हल्द्वानी भवाली को संचालित टैक्सियों से भी सवारियों को जबरन उतार दिया। हड़ताल से शहर में टैक्सी संचालन ठप हो गया है। जिससे स्थानीय लोगों व पर्यटकों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को बड़ी संख्या में टैक्सी चालक व संचालक तल्लीताल डाँठ पर एकत्र हुए और पुलिस प्रशासन व परिवहन विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। नैनीताल टैक्सी ट्रेवल्स यूनियन अध्यक्ष नीरज जोशी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई 2017 को नैनीताल निवासी प्रो अजय रावत बनाम भारत सरकार वाली जनहित याचिका पर नैनीताल के ट्रैफिक को लेकर आदेश भी पारित किया था, जिसमें कहा था कि तीन जुलाई 2017 के बाद जो भी नए परमिट प्रदेश में निर्गत किए जाएंगे उसमें नैनीताल नगर प्रवेश पर प्रतिबंधित वाली मुहर लगाई जाएगी। उन वाहनों का प्रवेश नैनीताल में नहीं होगा, शेष वाहन तीन जुलाई 2017- से पूर्व के हैं, उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा।
लेकिन परिवहन विभाग ने न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन कर करते हुए तीन जुलाई 2017 से पूर्व के वाहन, जिनका परमिट रिनुअल हो रहा है, उन वाहनों के परमिट में भी नैनीताल प्रतिबंधित वाली मुहर लगा रहा है। नैनीताल पुलिस प्रशासन आरटीओ, एआरटीओ लगातार टैक्सी चालकों को संचालकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की ओर से समय-समय पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, शासन, मुख्यमंत्री ,राज्यपाल, परिवहन मंत्री, केंद्रीय परिवहन मंत्री, केंद्रीय कानून मंत्री, प्रधानमंत्री, यहां तक कि राष्ट्रपति तक को पत्र भेजकर पीड़ा बताई लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।